खाज-खुजली एक आम त्वचा रोग है जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह समस्या त्वचा में जलन, खुजली, और दाने के रूप में प्रकट होती है। इस ब्लॉग में, हम खाज-खुजली होने के कारण,लक्षण और इसके प्रभावी घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानेंगे। चलिए, इस परेशानी से निपटने के उपायों को विस्तार से समझते हैं।
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खाज-खुजली होने के कारण (causes of Itching)
खाज-खुजली एक संक्रामक रोग है जो सूक्ष्म कीटाणुओं के त्वचा में प्रवेश करने से होती है। शुरुआत में त्वचा लाल हो जाती है और फिर छोटी-छोटी फुंसियां निकलती हैं, जिनसे बाद में पानी निकलता है। यह समस्या हाथ, पैर, कांख, मलद्वार, अंडकोष और स्त्रियों की योनि के बाहरी अंगों में हो सकती है। बार-बार खुजाने से यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकती है।
खाज-खुजली के लक्षण (symptoms of Itching)
सबसे पहले त्वचा पर खुश्की के दाग पड़ते हैं। फिर फुंसियां निकल आती हैं। उनमें खुजली होती है। त्वचा छिल जाती है। ऐसे रोगी के वस्त्र पहनने से दूसरों को भी यह रोग हो जाता है। खुजाने के कारण जलन पड़ती है तथा दर्द होता है। चर्म खुरदरा हो जाता है। सख्त खुजली में जलन पीड़ा होती है। रात के समय तकलीफ बढ़ जाती है। यह साध्य रोग है। उचित ढंग से चिकित्सा करने पर ठीक हो जाती है।
खाज-खुजली होने पे घरेलू उपाय (home remedies for Itching)
- नीबू का रस और चमेली का तेल: दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं।
- आंवले की गुठली की राख: आंवले की गुठली जलाकर राख बना लें, फिर उसमें नारियल का तेल मिलाकर खुजली पर लगाएं।
- बकरी की मैंगनी और सरसों का तेल: 20 ग्राम बकरी की मैंगनी को सरसों के तेल में पका लें और छानकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- अजवायन का तेल: अजवायन का तेल खाज खुजली पर लगाने से काफी लाभ होता है।
- चालमोंगरा और नीम: दोनों को बराबर मात्रा में सरसों के तेल में पकाकर लगाएं।
- जीरा और सिन्दूर: 5 ग्राम जीरा और 20 ग्राम सिन्दूर को तिल के तेल में पका-छानकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- तेजपत्र, बाबची और सरसों का तेल: 1 ग्राम तेजपत्र, 4 ग्राम बाबची और 10 ग्राम सरसों का तेल मिलाकर मलहम बनाएं और इसे दिन में चार-पांच बार लगाएं।
- आंवला, गंधक, कपूर और नीला तूतिया: सबको 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर घी में फेंट लें और इसे खाज-खुजली पर लगाएं।
- मिट्टी का तेल और कलमी शोरा: 50 ग्राम मिट्टी का तेल और 50 ग्राम कलमी शोरा मिलाकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- स्वमूत्र या गाय का मूत्र: इसे खाज-खुजली पर लगाने से लाभ होता है।
- कमल की जड़: इसे घिसकर पानी में मिलाकर दाद, खाज और खुजली पर लगाएं।
- गोबर का रस: खाज-खुजली पर लगाने से जल्दी ठीक होता है।
- हरड़, बहेड़ा, आंवला, नीम की छाल, उसवा, कुटको, गोरखमुण्डी: सबको 20-20 ग्राम लेकर पानी में भिगो दें और आग पर पकाकर अर्क तैयार करें। यह अर्क खाज-खुजली पर लगाएं।
- सौंफ, गावजवां, गुलाब के फूल और मुलहठी: सबको बराबर मात्रा में लेकर आधा किलो पानी में औटाएं। जब काढ़ा चौथाई रह जाए तो छानकर पी जाएं।
- नीम के पत्ते: इन्हें पानी में पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाएं।
- करंज, नीम और निर्गुण्डी: तीनों को पानी में पीसकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- इमली की लकड़ी और फिटकरी: इमली की लकड़ी को जलाकर कोयला बना लें और उसमें पिसी हुई फिटकरी मिलाकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- सिंघाड़ा, मिंगी की जड़, छाऊ बेर और भारंगी की जड़: सबको पीसकर खाज-खुजली पर लगाएं।
- चकवड़, हरड़ और कांजी: तीनों को पीसकर दाद, खाज और खुजली पर लगाएं।
- दूध, हरड़, सेंधा नमक, चकवड़ और वनतुलसी: सबको समान मात्रा में लेकर कांजी में पीसकर खाज-खुजली पर लगाएं।
खाज-खुजली की प्राकृतिक उपाय (Natural medicine for Itching)
- नींबू पानी का सेवन: प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक गिलास ताजे पानी में आधा नींबू निचोड़कर पिएं।
- काली मिट्टी का लेप: काली मिट्टी में थोड़ा-सा नमक और बबूल का पिसा हुआ गोंद मिलाकर खुजली, खाज और दाद पर लगाएं। मिट्टी को बार-बार गीला करते रहें।
- लाल दवा से धोना: सुबह पानी में थोड़ी-सी लाल दवा मिलाकर खुजली वाले स्थान को अच्छी तरह धोएं। पानी सूखने के बाद उस जगह पर गाय का घी लगाएं।
- पीपल के पत्तों का रस: पीपल के पत्तों का रस पानी में मिलाकर सुबह, दोपहर और शाम को खाज-खुजली वाले स्थान को धोएं।
खाज-खुजली की होमियोपैथिक दवाईया (homeopathy medicine for Itching)
- सोरिनम 30: बार-बार खुजली, लाल-लाल दाने, बेचैनी, घाव बन जाए, खुजाने पर दर्द और जलन होने पर सोरिनम 30 का प्रयोग करें।
- मेजेरियम 30: बहुत अधिक खुजली और खुजाने के बाद जलन होने पर मेजेरियम 30 का सेवन करें।
- नीम के तेल का मिश्रण: नीम का तेल, ग्लिसरीन, वैसलीन, और ओलिव ऑयल या नारियल के तेल में 20-25 ग्रेन क्राइसोफैनिक एसिड क्रूड मिलाकर 7-8 दिनों तक खाज-खुजली पर लगाएं।
- वैराइटा कार्ब: यदि बुढ़ापे में खाज-खुजली हो जाए तो वैराइटा कार्ब का सेवन करें।
- सल्फर 6: युवावस्था में खुजली होने पर सल्फर 6 का मदर टिंचर नारियल के तेल में मिलाकर लगाएं।
- आर्सेनिक 6 या 30: बहुत अधिक खुजली और खुजली के बाद जलन होने पर आर्सेनिक 6 या 30 का प्रयोग करें।
- एचिनेशिया 6: खून की खराबी से खाज-खुजली होने पर एचिनेशिया 6 का सेवन करें।
- एलोज 3 या 6: चर्म रोगों में एलोज 3 या 6 का उपयोग बहुत लाभकारी है।
- एसिड क्राइसो 6 या 30: अत्यधिक खुजली, पीप, दुर्गंधित स्राव आदि लक्षणों में एसिड क्राइसो 6 या 30 लें।
खाज-खुजली का चुंबक उपाय (Magnet therapy for Itching)
- चुम्बक का प्रयोग: यदि त्वचा पर खुजली, दाद, खारिश आदि हो तो उस पर महीन सूती कपड़ा लपेटें। फिर उसके ऊपर दक्षिणी ध्रुव का चुम्बक 15 मिनट तक रखें। चुम्बक को दिनभर में तीन बार (सुबह 7 बजे, दोपहर 1 बजे तथा शाम 6 बजे) लगाएं।
- चुम्बक द्वारा प्रभावित जल: चुम्बक द्वारा प्रभावित किया गया जल दिन में तीन बार पिएं।
खाज-खुजली होने पे जरूरी कदम (Important step on Itching)
- भोजन: अधिक गरम और अधिक ठंडे पदार्थों का सेवन न करें।
- पेट साफ रखें: कब्ज होने पर एनिमा लगाएं या विरेचक दवा लें।
- नींबू स्नान: पानी में आधा नींबू निचोड़कर स्नान करें।
- सिर की देखभाल: सिर में नारियल का तेल लगाएं।
खाज-खुजली रोग में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Itching)
- खाज-खुजली क्या है?
खाज-खुजली एक संक्रामक त्वचा रोग है जो सूक्ष्म कीटाणुओं के त्वचा में प्रवेश करने के कारण होता है। इससे त्वचा में खुजली, लाल धब्बे, और फुंसियां निकलती हैं। - खाज-खुजली के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
प्रमुख लक्षणों में त्वचा पर खुजली, लाल धब्बे, छोटी-छोटी फुंसियां, और उनमें से पानी निकलना शामिल हैं। यह खुजली अक्सर रात के समय बढ़ जाती है। - खाज-खुजली कैसे फैलती है?
यह रोग संक्रामक होता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने, उसके वस्त्र पहनने, या उसके साथ सोने से फैल सकता है। - खाज-खुजली का घरेलू इलाज क्या है?
नींबू का रस और चमेली का तेल मिलाकर लगाना, आंवले की गुठली जलाकर बनाई गई राख का नारियल के तेल के साथ उपयोग, और अजवायन का तेल लगाना कुछ घरेलू इलाज हैं। - खाज-खुजली से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
संक्रमित व्यक्ति के वस्त्र और बिस्तर का उपयोग न करें, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें, और त्वचा को साफ और सूखा रखें। - क्या खाज-खुजली का इलाज आयुर्वेदिक तरीके से संभव है?
हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा के तहत विभिन्न जड़ी-बूटियों और घरेलू उपायों का उपयोग करके खाज-खुजली का इलाज किया जा सकता है। - खाज-खुजली का होमियोपैथिक इलाज क्या है?
सोरिनम, मेजेरियम, और आर्सेनिक जैसी होमियोपैथिक दवाओं का उपयोग खाज-खुजली के इलाज के लिए किया जा सकता है। - चुम्बक चिकित्सा खाज-खुजली में कैसे मदद करती है?
प्रभावित त्वचा पर सूती कपड़ा लपेटकर चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव 15 मिनट तक रखा जाता है, और चुम्बक से प्रभावित जल पीने की सलाह दी जाती है। - खाज-खुजली का निदान कैसे किया जाता है?
खाज-खुजली का निदान त्वचा पर लक्षणों के आधार पर और कभी-कभी त्वचा परीक्षण के माध्यम से किया जाता है। - क्या खाज-खुजली से पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं?
हां, उचित चिकित्सा और सावधानी के साथ, खाज-खुजली पूरी तरह से ठीक हो सकती है। - स्केबीज़ क्या है और यह खाज-खुजली होने के कारण कैसे बनता है?
उत्तर: स्केबीज़ एक परजीवी संक्रमण है जो त्वचा के अंदर छोटे कीड़े (माइट्स) के कारण होता है। ये माइट्स त्वचा के नीचे जाकर सुरंग बनाते हैं, जिससे तीव्र खाज-खुजली और जलन होती है।
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