चक्कर आना – कारण ,लक्षण और 17 घरेलू उपाय

इस ब्लॉग में हम जानेंगे चक्कर आने के कारण, लक्षण और विभिन्न घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय। चक्कर आना एक सामान्य समस्या हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनका सही समय पर पता लगाना और उपचार करना आवश्यक है। यहाँ हम आपको चक्कर आने से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी और उससे राहत पाने के उपायों के बारे में बताएंगे।

चक्कर आने का कारण

चक्कर आने का रोग कई अलग-अलग कारणों से उत्पन्न हो सकता है। यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसके पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं जिन्हें समझना और ध्यान देना आवश्यक है।

सबसे पहले, अत्यधिक मानसिक परिश्रम और चिंता चक्कर आने के मुख्य कारणों में से हैं। जब हम मानसिक रूप से अधिक तनाव में रहते हैं या अत्यधिक मानसिक परिश्रम करते हैं, तो मस्तिष्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे चक्कर आने की समस्या हो सकती है। इसी प्रकार, शोक और दुख भी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं और इसके परिणामस्वरूप चक्कर आ सकते हैं।

चक्कर आना - कारण ,लक्षण और 17 घरेलू उपाय
चक्कर आना – कारण ,लक्षण और घरेलू उपाय

मादक पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी एक प्रमुख कारण है। शराब, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन हमारे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को बाधित करता है, जिससे चक्कर आने लगते हैं। रात को देर तक जागने और बहुत देर तक पढ़ने-लिखने से भी शरीर और मस्तिष्क को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, जिससे यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

अजीर्ण दोष, जो कि पाचन तंत्र की गड़बड़ी है, मस्तिष्क में खून की अधिकता या कमी भी चक्कर आने का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, गठिया और वायु रोग जैसी समस्याएं, मलेरिया बुखार, कुनैन का सेवन और स्त्रियों में मासिक धर्म के बंद होने जैसी स्थितियाँ भी चक्कर आने की समस्या को जन्म दे सकती हैं।

पेट की गड़बड़ी, कब्ज, एसिडिटी और मंदाग्नि जैसी पाचन संबंधी समस्याएं भी चक्कर आने का कारण बन सकती हैं। जब पेट में गड़बड़ी होती है या पाचन तंत्र सही से काम नहीं करता, तो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते और इससे कमजोरी और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

चक्कर आना के लक्षण

इस रोग में रोगी को सिर में लगातार चक्कर महसूस होते हैं, जो उसकी सामान्य जीवनशैली को प्रभावित करते हैं। जब चक्कर आते हैं, तो रोगी अक्सर संतुलन खो बैठता है और अचानक गिर सकता है। इस स्थिति में उसे ऐसा लगता है जैसे उसका शरीर झूल रहा हो और वह स्थिर न रह सके। आंखों के सामने अंधेरा छा जाता है, जिससे दिखाई देना मुश्किल हो जाता है। यदि रोगी आकाश की ओर मुंह उठाकर देखे, तो उसे ऐसा लगता है कि सारी चीजें घूम रही हैं और स्थिर नहीं हैं।

इसके अलावा, चक्कर आने पर रोगी के चेहरे पर उदासी साफ दिखाई देती है और शरीर में कमजोरी महसूस होती है। यह कमजोरी उसे थका हुआ और निढाल बना देती है, जिससे उसकी दैनिक गतिविधियों में कमी आ सकती है। कई बार चक्कर आने पर रोगी को मितली आने लगती है, जिससे उसका जी घबराने लगता है। कान भी सुन्न हो जाते हैं, जिससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है और रोगी को आसपास की आवाजें स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं देतीं।

चक्कर आना - कारण ,लक्षण और 17 घरेलू उपाय
चक्कर आने पर घरेलू उपाय

चक्कर आने पर घरेलू उपाय

  1. सोंठ, घी और शक्कर का मिश्रण : पिसी हुई सोंठ 10 ग्राम, घी 20 ग्राम और शक्कर 25 ग्राम को मिलाकर दो खुराक में धीरे-धीरे सेवन करें। यह मिश्रण 10-15 दिनों तक खाने से चक्कर आने की समस्या में राहत मिलती है।
  2. मुनक्के का सेवन : दूध में बीज रहित चार-पांच मुनक्के डालकर सेवन करने से चक्कर आने की समस्या बंद हो जाती है।
  3. छुहारे, लौंग और घी का मिश्रण : दो छुहारे, पांच नग लौंग, 10 ग्राम देशी घी और 40 ग्राम मिश्री को दूध में उबालें। इस मिश्रण को सुबह-शाम रोगी को पिलाएं।
  4. घी, आटा और शक्कर के लड्डू : देशी घी, आटा और शक्कर से बने लड्डू नित्य खाने से चक्कर आने की समस्या में सुधार होता है।
  5. खरबूजे के बीज : खरबूजे के बीजों को तवे पर घी में भून लें और फिर इन्हें चबाकर खाएं। यह चक्कर आने की समस्या में राहत दिलाता है।
  6. मुनक्के और कालीमिर्च : आठ-दस मुनक्कों के बीज निकालकर उन्हें घी में सेंक लें। इसके बाद कालीमिर्च का चूर्ण लगाकर खाएं।
  7. आटा, कालीमिर्च और हल्दी : आटे में थोड़ा-सा कालीमिर्च का चूर्ण और दो चम्मच पिसी हुई हल्दी मिलाकर घी में भून लें। चार चम्मच इस मिश्रण का सेवन करके एक गिलास दूध पी लें।
  8. आंवला, कालीमिर्च और बताशे : आंवले का चूर्ण 10 ग्राम, कालीमिर्च 3 ग्राम और बताशे 10 ग्राम- इन सभी को पीसकर खाएं और ऊपर से दूध पी लें।
  9. धमासा और सोंठ : धमासा 10 ग्राम और सोंठ 6 ग्राम को 250 ग्राम दूध में उबालकर सेवन करें।
  10. तुलसी का रस और शहद : आधा चम्मच तुलसी के पत्तों का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर मुंह की लार के साथ चाटें।
  11. हींग और कपूर : रत्ती भर हींग और रत्ती भर कपूर को जीभ पर रखकर धीरे-धीरे चूसें।
  12. सूखा धनिया और सौंफ : एक चम्मच सूखा धनिया और दो चम्मच सौंफ को पीसकर गुनगुने पानी के साथ सेवन करें।
  13. नींबू की शिकंजी : नींबू की शिकंजी पीने से चक्कर आना बंद हो जाता है।
  14. अनार का रस और नींबू : एक कप अनार के रस में आधा नींबू निचोड़कर पी जाएं।
  15. सौंफ और खांड़ : सौंफ का चूर्ण 10 ग्राम और देशी खांड़ 10 ग्राम मिलाकर दो खुराक में सेवन करें।
  16. नींबू पानी : यदि पेट में गैस या एसिडिटी के कारण चक्कर आते हों, तो गरम पानी में नींबू निचोड़कर पिएं।
  17. चंदन या हल्दी का लेप : मस्तक पर चंदन या हल्दी का लेप करने से सिर का चकराना रुक जाता है।

चक्कर आने मे – होम्योपैथिक दवाईया

चक्कर आना एक सामान्य समस्या है जिसे होम्योपैथिक चिकित्सा में विभिन्न दवाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ पर चक्कर आने के विभिन्न कारणों के अनुसार उपयुक्त दवाओं का उल्लेख किया गया है:

  1. कैल्केरिया एसेट: ठंड के कारण या खुली हवा में देर तक घूमने से सिर चकराता हो।
  2. सल्फोनल: उठने, बैठने, घूमने या अधिक मेहनत के कारण सिर चकराया हो।
  3. मेसिनेला: यूं सिर चकराए, मानो वह खाली हो गया हो।
  4. कोनियम: मस्तिष्क में ब्लडप्रेशर के कारण सिर चकराता हो।
  5. सैम्बल 2: उठने, बैठने, घूमने, फिरने, झुकने, खड़े होने या सिर पर ठंडा पानी पड़ जाने के कारण सिर चकराता हो।
  6. एसिड फॉस: सिर में दर्द, स्नायु दुर्बलता तथा शरीर में पीड़ा के कारण सिर चकराने पर।
  7. एसिड नाइट्रिक: सुबह के समय बिस्तर छोड़ते ही अचानक सिर चकराता हो या यात्रा करने पर सिर घूमता हो।

यदि आपको चक्कर आना लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

चक्कर आना - कारण ,लक्षण और 17 घरेलू उपाय
चक्कर आना

चक्कर आने मे महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर –

  1. क्या होता है चक्कर आना?
    चक्कर आना एक अस्थिरता या चक्कराहट की स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति को अपने आसपास की चीजों में घूमता हुआ महसूस होता है। यह आमतौर पर तनाव, थकावट, या आंतरिक कान की समस्या से उत्पन्न होता है।
  2. चक्कर आने के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
    चक्कर आने के कारण में रक्तचाप का असंतुलन, आंतरिक कान की समस्याएं, थकान, तनाव, और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
  3. चक्कर आने पर क्या उपचार किया जा सकता है?
    चक्कर आने के लिए उपचार की प्रक्रिया में डॉक्टर द्वारा व्यक्ति के लक्षणों का विश्लेषण किया जाता है और उसके अनुसार दवाइयों का सुझाव दिया जाता है। होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक या एलोपैथिक उपचार का चयन व्यक्ति के रोग के प्रकार और गंभीरता के आधार पर किया जाता है।
  4. चक्कर आना को रोकने के लिए क्या सावधानियां और सुझाव हैं?
    चक्कर आने से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए जैसे कि नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सही आहार, और तनाव पर नियंत्रण रखना। विशेष रूप से वे लोग जिन्हें यह समस्या बार-बार होती है, उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
  5. चक्कर आना क्या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है?
    चक्कर आना कई गंभीर रोगों का भी संकेत हो सकता है जैसे कि मधुमेह, मस्तिष्क संबंधी समस्याएं, या रक्तचाप की समस्याएं। इसलिए अगर यह समस्या बार-बार होती है तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए।
  6. चक्कर आना को कैसे व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में रोक सकते हैं?
    चक्कर आने को रोकने के लिए व्यक्ति को अधिक पानी पीना, ध्यान और तनाव प्रबंधन, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ आहार का पालन करना चाहिए। इन सभी सावधानियों का पालन करने से यह समस्या कम हो सकती है।
  7. क्या खाने पीने में बदलाव से चक्कर आना कम हो सकता है?
    जी हां, कई बार अनियमित खानपान और पर्याप्त पानी पीने से चक्कर आने की समस्या हो सकती है। सही आहार और पूरे दिनचर्या का पालन करने से यह समस्या में सुधार हो सकता है।
  8. क्या दवाइयों का उपयोग चक्कर आने में सहायक हो सकता है?
    हां, चक्कर आने के लिए कई प्रकार की दवाइयां उपलब्ध हैं जो अलग-अलग कारणों से उत्पन्न होने वाले चक्कर आने के इलाज में सहायक हो सकती हैं। डॉक्टर की सलाह और निर्देशन के अनुसार इन्हें उपयोग करना चाहिए।
  9. क्या योग और ध्यान चक्कर आने को दूर करने में मददगार हो सकते हैं?
    जी हां, योग और ध्यान से तनाव कम होता है और मस्तिष्क को शांति मिलती है, जिससे चक्कर आने की समस्या में सुधार हो सकता है। योगासन और प्राणायाम नियमित रूप से करने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
  10. बिना डॉक्टर की सलाह के क्या अगर चक्कर आते रहते हैं, तो क्या करें?
    यदि चक्कर आना बार-बार हो रहा है और इससे जीवन में कठिनाई हो रही है, तो सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर व्यक्ति के लक्षणों और विशेष परिस्थितियों के आधार पर सही इलाज का सुझाव देंगे।

ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर विज़िट कर सकते है । पोस्ट कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताये आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे

Leave a Comment

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *