लिवर का दर्द (liver pain) यकृत प्रदाह: कारण, लक्षण, उपचार और 5 घरेलू उपाय

लिवर, मानव शरीर में सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन, और इम्यून कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, किसी भी अन्य अंग की तरह, लिवर विभिन्न समस्याओं और बीमारियों के लिए संवेदनशील है, जो असहजता और दर्द का कारण बन सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम लिवर दर्द के कारण, लक्षण, और प्रबंधन को समझेंगे, जिससे यह स्वास्थ्य के इस महत्वपूर्ण पहलू को प्रकाश में लाया जा सके।

लिवर का दर्द liver pain यकृत प्रदाह कारण लक्षण उपचार और 5 घरेलू उपाय

लिवर दर्द के कारण (causes of liver pain)

लिवर का दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, जो इसे विभिन्न समस्याओं का संकेत देते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं।

  1. वायरल हेपेटाइटिस : वायरल हेपेटाइटिस एक प्रकार की लिवर सूजन है जो कई वायरसों, जैसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई द्वारा हो सकती है। प्रत्येक प्रकार का वायरस छूत के तरीके, गंभीरता, और इलाज में भिन्नता होती है।
  2. अल्कोहलिक लिवर डिजीज: अत्यधिक शराब पीने से लिवर की क्षति हो सकती है।
  3. फैटी लिवर डिजीज: लिवर में वसा का अधिक संचय होने से दर्द और सूजन हो सकती है।
  4. लिवर सिरोसिस: लिवर के ऊतकों में स्थायी क्षति होने पर यह स्थिति उत्पन्न होती है।
  5. लिवर कैंसर: लिवर में कैंसर होने से भी दर्द हो सकता है।
  6. जेनिटिक डिसऑर्डर्स: जैसे हेमोक्रोमैटोसिस, जो शरीर में लोहे का अधिक संचय करता है।

liver pain के लक्षण (symptoms of liver pain)

इस अवस्था में जिगर में जलन होती है। रोग अधिक बढ़ जाने पर भयंकर दर्द होता है। खून बढ़ जाने के कारण जिगर फूल जाता है। रोगी को लगता है कि जिगर में सूजन आ गई है।

  • लिवर क्षेत्र में दर्द: पेट के ऊपरी दाहिनी ओर दर्द या असहजता।
  • थकान: सामान्य से अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना।
  • पीली त्वचा और आंखें: जॉन्डिस के कारण।
  • मिचली और उल्टी: लगातार मिचली आना और उल्टी होना।
  • भूख कम लगना: खाने की इच्छा में कमी।
  • सूजन: पेट में सूजन या पानी भरना (एस्काइटिस)।
लिवर के दर्द मे आयुर्वेदिक दवाईय
लिवर के दर्द मे दवाईय

लिवर के दर्द मे दवाईया

1. लिवर के दर्द मे घरेलू उपाय

  1. करेले का रस एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ चाटें।
  2. गिलोय, अडूसा, कुटकी, चिरायता तथा नीम की पत्तियां- सभी का समभाग लेकर पीस डालें। फिर इसे त्रिफला चूर्ण के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दें।
  3. करेले का रस यकृत प्रदाह को शांत करता है
  4. ग्वारपाठा का रस 4 रत्ती, हल्दी का चूर्ण 2 रत्ती तथा पिसा सेंधा नमक 2 रत्ती-तीनों को मिलाकर सुबह के समय जल या मट्ठे के साथ दें।
  5. 5 ग्राम त्रिफला को आधा कप पानी में पकाएं। जब पानी चौथाई रह जाए तो उतारकर छान लें। ठंडा हो जाने पर उसमें आधा या एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें।

2. लिवर के दर्द मे आयुर्वेदिक दवाईय

  1. यदि बुखार हो तो पहले उसे कम करें। उसके बाद आरोग्य वर्द्धिनी में पुनर्नवा रस मिलाकर दें।
  2. जयमंगल रस का सेवन शहद के साथ कराएं।
  3. सहिजन की छाल का काढ़ा तथा मद्यसुदर्शन सिद्ध काढ़ा-दोनों को मिलाकर एक-एक चम्मच की मात्र में शहद के साथ दें।
  4. वज्रक्षार, यकृतिदारि लौह, आरोग्य वर्द्धिनी गुटका, क्षारागद, कुमार्यासव आदि पेटेन्ट दवाएं काफी लाभकारी हैं। दवा देने की मात्रा तथा विधि औषधि के साथ होती है। इसलिए उसी निर्देश के अनुसार चिकित्सा करें।

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3. लिवर के दर्द मे होमियोपैथिक दवाईय

  1. जिगर में दर्द, पतले दस्त, बेचैनी, बच्चों को जिगर बढ़ने की तकलीफ आदि लक्षणों में पोडोफाइलम हैं।
  2. जिगर में दर्द, शोथ तथा पीलिया की शिकायत होने पर मरक्यूरियस दें।
  3. हर प्रकार के यकृत रोगों तथा दर्द की हालत में चेलिडोनियम Q की 5 बूंदें पानी में मिलाकर दें। यदि यकृत में सूजन के कारण दर्द हो तो कार्डअस मेरियान्स मदरटिंचर की 5-6 बूंदें दें।
  4. यदि यकृत में फोड़ा निकल आने के कारण दर्द हो तो क्लेसेटिनम 3 दें।
  5. कै, मिचली, सूजन का दर्द, पित्त की कै, सिर में दर्द, कब्ज, कमजोरी, हिलने-डुलने की इच्छा न होने आदि लक्षणों में ब्रायोनिया 3 या 30 दें।
  6. यकृत में दर्द, मुंह का स्वाद खराब, आंखें पीली, यकृत कड़ा, अरुचि आदि लक्षणों में मर्क सोल 6 दें। यकृत में सूई बेधने जैसा दर्द, दिन में नींद आना, रात में नींद न आना आदि लक्षणों में सल्फर 30 दें।
  7. यकृत वृद्धि, शोथ, दर्द, पेशाब कम, सुस्ती, बार-बार प्यास लगने आदि लक्षणों में लाइकोपोडियम 12 हैं।

4. एक्यूप्रेशर उपचार

  1. दाएं पैर एवं दाएं हाथ की पांचवीं छोटी उंगली के नीचे तथा पैर के तलवे और पंजे पर प्रतिदिन दो बार प्रेशर दें। यह दबाव नियमित रूप से 3 से 5 सेकंड तक डालें।

महत्वपूर्ण निर्देश –

हालाकि हमने ऊपर सभी तरह कि दवाइयों के बारे मे बताया है लेकिन अगर आप नीचे दिए गए निर्देशों को पालन करते है तो आपको निश्चित ही लिवर का दर्द (liver pain ) कि समस्या नहीं होगी और आप स्वास्थ्य रहेंगे –

  1. इस रोग में साबूदाना, दलिया, अरारोट, मूंग की दाल, तरोई, लौकी, गाजर आदि हल्की चीजें मरीज को खानी चाहिए ।
  2. मांस, मछली तथा घी-तेल में बनी वस्तुएं न खाएं।

नोट : यदि आपको लिवर का दर्द (liver pain ) लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर विज़िट कर सकते है । पोस्ट ” लिवर का दर्द (liver pain) यकृत प्रदाह: कारण, लक्षण, उपचार और 5 घरेलू उपाय ” कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताये आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे ।

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