इस ब्लॉग में हम जानेंगे फोड़ा-फुंसी के बारे में विस्तार से, इसके कारण, लक्षण और इसके उपचार के लिए कुछ असरदार घरेलू उपाय। यह जानकारी न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाएगी, बल्कि आपको इस समस्या से निपटने के लिए कुछ सरल और प्रभावी तरीके भी बताएगी। फोड़ा-फुंसी एक आम समस्या है, जो सही देखभाल और उपचार से आसानी से ठीक हो सकती है। जानिए कैसे आप प्राकृतिक और घरेलू उपायों से इसे ठीक कर सकते हैं।
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फोड़ा-फुंसी का कारण (causes of Acne and Pimples)

फोड़ा-फुंसी खून के विकार के कारण शरीर में बन जाते हैं। वर्षा ऋतु में अधिक आम खाने या त्वचा पर आम की चेपी लग जाने से भी फुंसी हो सकती है। इसके अलावा, मच्छर के काटने, शरीर के भीतर से बाल टूट जाने, या त्वचा के नीचे सूजन होने के कारण भी फुंसी बन सकती है।
अधिक मिर्च-मसाले या गरम चीजें खाने से भी फोड़े-फुंसी निकल आती हैं। जब त्वचा के नीचे सूजन पैदा होती है और उसमें पीप भर जाती है, तब फोड़े-फुंसी उभरते हैं। ये समस्या अक्सर तब होती है जब शरीर में किसी तरह की अशुद्धि या संक्रमण होता है।
फोड़े-फुंसी से निपटने के लिए सही देखभाल और उपचार की जरूरत होती है। घरेलू उपायों से इसे ठीक करना आसान है। जानिए कैसे आप प्राकृतिक और घरेलू उपायों से फोड़े-फुंसी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
फोड़ा-फुंसी के लक्षण (symptoms of Acne and Pimples)
फोड़े-फुंसियों के लक्षण शुरू में त्वचा पर लालिमा के रूप में प्रकट होते हैं। इसके बाद दर्द शुरू हो जाता है और प्रभावित क्षेत्र में लपकन होने लगती है। जब फोड़े-फुंसियां पकने लगती हैं, तो उनमें कष्ट होने लगता है। कुछ फुंसियां बिना पके ही बैठ जाती हैं, लेकिन इनमें मवाद, गंदा खून आदि भर जाता है, जिससे जलन और बेचैनी होती है।
फोड़े-फुंसियों के कारण होने वाली जलन और दर्द प्रभावित व्यक्ति को बहुत तकलीफ देते हैं। इन लक्षणों का समय पर उपचार करना जरूरी है ताकि संक्रमण और बढ़ न सके और त्वचा को नुकसान न पहुंचे।
फोड़ा-फुंसी को ठीक करने के घरेलू उपाय (Home remedies for Acne and Pimples)
- कच्चे आलू का रस: दो चम्मच कच्चे आलू का रस सुबह पीने से फुंसियां सूख जाती हैं।
- अमरूद के पत्ते: चार-पांच अमरूद की पत्तियों को एक कप पानी में उबालें। फिर उसकी लुगदी बनाकर फोड़े पर लगाएं।
- प्याज और गुड़: यदि फोड़ा पक गया हो या गांठ पड़ गई हो तो प्याज कूटकर उसमें जरा-सा गुड़ मिलाकर बांधें।
- गेहूं का आटा: गेहूं के आटे में जरा-सी हल्दी और देशी घी मिलाकर पुलटिस बना लें। इसे फोड़े-फुंसी पर बांधें।
- गाजर: गाजर को कुचलकर या पीसकर तवे पर गरम करके फोड़े-फुंसियों पर बांधें।
- लसोड़े की पत्तियां: यदि फुंसी गांठ के रूप में भीतर ही भीतर पक रही हो और फूट नहीं रही हो तो लसोड़े की पत्तियों को पीसकर पुलटिस बांधें।
- अपकद की पतियां: फोड़ा-फुंसी में अपकद की पतियां लाभकारी होती हैं।
- अनन्नास: फुंसियों पर अनन्नास का गूदा लगाने से काफी लाभ होता है।
- लौंग: यदि त्वचा पर फुंसी उभर रही हो तो लौंग घिसकर लगाएं।
- अनार की पत्तियां: अनार की पत्तियों को जलाकर भस्म बना लें। फिर उसमें नारियल का तेल मिलाकर फोड़े पर लगाएं।
- हल्दी और लौंग: हल्दी तथा लौंग दोनों को पीसकर फोड़े-फुंसी पर लगाएं।
- नीम की छाल: नीम की छाल पानी में घिसकर फुंसियों पर लगाएं।
- नीम की पत्तियां: नीम की पत्तियों को पुलटिस बांधने से भी फोड़े-फुंसियों में काफी आराम मिलता है।
- अमचूर: अमचूर या हरी अमियों को पीसकर फुंसियों पर लगाने से फुंसियां सूख जाती हैं।
- करेला का रस: करेले का रस फुंसियों पर लगाने से काफी लाभ होता है।
- तारपीन का तेल: गर्मी के मौसम में फुंसियों पर तारपीन का तेल लगाना चाहिए।
- अंगूर की पत्तियां: अंगूर की पत्तियों का रस फोड़े-फुंसियों पर लगाएं।
- मसूर का आटा: मसूर के आटे की पुलटिस बांधने से फोड़ा जल्दी फूट जाता है।
- पिसे हुए चावल: पिसे हुए चावलों में जरा-सा पानी तथा सरसों का तेल मिलाकर पुलटिस बांधें।
- मेहंदी: मेहंदी को उबालकर उसके पानी से धोने पर फुंसियां ठीक हो जाती हैं।
- चंदन: चंदन घिसकर फुंसियों पर लगाएं।
- केले की जड़: केले की जड़ को कूटकर उसमें जरा-सी हल्दी तथा जरा-सा सरसों का तेल मिलाकर लगाएं।
फोड़ा-फुंसी को ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाईया (Ayurvedic medicine for Acne and Pimples)
- करंज, नीम और निर्गुण्डी: तीनों को पीसकर फोड़े-फुंसियों पर लगाएं।
- नीम की पत्तियां, हींग और लहसुन: इन सबको सिल पर पीसकर फोड़े पर लगाएं।
- जौ का आटा, मुलहठी का चूर्ण और देशी घी: तीनों को मिलाकर फोड़े-फुंसियों पर मलहम की तरह दिन में तीन-चार बार लगाएं।
- शराब और काली मिट्टी: इन तीनों का लेप लगाने से फुंसियां जल्दी सूख जाती हैं।
- नीम के पत्ते, तिल, दन्ती, निसोथ, सेंधा नमक और शहद: सभी चीजें उचित मात्रा में लेकर लेप बनाकर फोड़े-फुंसियों पर लगाएं।
- चिरचिटा, जवाखार, हल्दी और लौंग: इन चारों की पुलटिस लगाने से फुंसियां ठीक हो जाती हैं।
- करंज, भिलावां, जमालगोटा, चित्रक, कनेर, कबूतर की बीट और बकरी की मॅगनी: सबको उचित मात्रा में लेकर कूट-पीस डालें। फिर उसमें जरा-सा पानी डालकर लेप बनाकर फोड़े पर लगाएं।
- पीपल, पुरानी खल, सहिजन की छाल, दंती और हरड़: सब 10-10 ग्राम लेकर पीस डालें। फिर उसे गोमूत्र में मिलाकर नित्य 4-5 दिन फुंसियों पर लगाएं।
- बरगद, गूलर, पीपल, पाकड़, बेंत, बेल, सफेद चन्दन, लाल चन्दन, मजीठ, जमीकंद और गेरू: सब चीजें 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर घी में मिलाकर मलहम बना लें। इस मलहम को फोड़े-फुंसियों पर लगाएं।
- मोम, कौंच, जीरा, शहद और हरड़: सबको पीसकर गाय के घी में मिलाकर लेप करें।
फोड़ा-फुंसी को ठीक करने का प्राकृतिक उपाय (Natural medicine for Acne and Pimples)
- काली मिट्टी: पानी में अच्छी तरह गूंधकर कपड़े की पट्टी पर रखकर फोड़े-फुंसियों पर बांधें।
- गाजर, पालक और बथुए का रस: तीनों मिलाकर रूई के फाहे से फुंसियों पर लगाएं।
- लौकी: प्रतिदिन उबालकर बिना नमक के खाएं।
- उपवास और नीम: पेट साफ करके उपवास रखें। दूसरे दिन नीम की दो पत्तियां चबाकर ऊपर से गाय का दूध पी लें।
- ठंडे पानी की धार: फोड़े-फुंसियों पर ठंडे पानी की धार 2 मिनट तक छोड़ें।
फोड़ा-फुंसी को ठीक करने कि होमियोपैथिक दवाईया (Homeopathy medicine for Acne and Pimples)
- नाक, गाल या मुंह के फोड़े: यदि नाक, गाल या मुंह के किसी भाग पर फुंसियां निकल आई हों तो कैडमियम सल्फ का प्रयोग करें।
- पीप भरे छोटे-छोटे फोड़े: उंगली पक जाए, बेचैनी, कांटे की तरह चुभन आदि लक्षणों में सीपिया का उपयोग करें।
- चेहरे के फोड़े: चेहरे के फोड़े को बैठाने के लिए चूजा खिलाएं।
- सूजन, लाली, लपकन: फोड़े-फुंसी में सूजन, लाली, लपकन आदि लक्षण दिखाई दें तो कैम्फर मूलार्क का प्रयोग करें।
- मवाद रहित फोड़ा: यदि फोड़े में मवाद न पड़ा हो तो हिपर सल्फ 6 का सेवन करें।
- गर्मी के मौसम में बच्चों की फुंसियां: गर्मी के मौसम में बच्चों के फुंसियां निकल आएं तो अर्निका 200 दें।
- फोड़ा पीला हो लेकिन फूटा न हो: वैसलीन में पल्सेटिला मूलार्क मिलाकर लगाएं।
- अपूर्ण पका फोड़ा: यदि फोड़ा न पका हो तो लक्षण देखकर बेलाडोना, हिपर या मर्क सोल लें।
- बैंगनी रंग का फोड़ा: यदि फोड़ा बैंगनी रंग का हो जाए और उसमें लपकन पड़े तो लैकेसिस का प्रयोग करें।
- अधिक सूजन, दर्द और नीला-पीला फोड़ा: फोड़े में अधिक सूजन, दर्द और नीला-पीला होने पर टेरेन्दुला क्यूबेन्सिस 30 दें।
फोड़ा-फुंसी को ठीक करने कि चुम्बक उपाय (Magnet use in Acne and Pimples)
- फोड़े-फुंसी पर उत्तरी ध्रुव का चुम्बक: यदि फोड़े-फुंसी न फूटे हों तो उन पर शक्तिशाली चुम्बक का उत्तरी ध्रुव रखें। चुम्बक लगाने से पूर्व फोड़े-फुंसियों पर सफेद कपड़ा रख लें।
- चुम्बक लगाने की आवृत्ति: चुम्बक रखने की क्रिया दिन में तीन-चार बार करें।
- समय सीमा: चुम्बक हमेशा 15-20 मिनट से अधिक न रखें।
- चुम्बक द्वारा प्रभावित जल: चुम्बक द्वारा प्रभावित जल दिन में तीन बार सेवन करें।
फ़ोड़ा-फुंसी पर सामान्य प्रश्न (FAQ on Acne and Pimples)
- फोड़ा और फुंसी में क्या अंतर है?
फोड़ा और फुंसी दोनों ही त्वचा पर होने वाले सूजनयुक्त रोग हैं, लेकिन इनमें अंतर होता है। फोड़ा (बॉयल) एक गहरी त्वचा की सूजन है जो आमतौर पर एक पीलापन लिए हुए होती है और इसमें संक्रमण के कारण पस भर जाता है। फुंसी (पिंपल) एक हल्की त्वचा की सूजन है जो आमतौर पर छोटी और लाल रंग की होती है और इसमें कम पस होता है। - फोड़ा और फुंसी क्यों होते हैं?
फोड़ा और फुंसी का मुख्य कारण त्वचा पर बैक्टीरियल संक्रमण होता है। इसमें स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया प्रमुख भूमिका निभाता है। इसके अलावा, त्वचा पर अत्यधिक तेल, गंदगी, या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी इनकी वजह बन सकते हैं। - फोड़ा और फुंसी का इलाज कैसे करें?
फोड़ा और फुंसी का इलाज घरेलू उपायों से लेकर मेडिकल उपचार तक किया जा सकता है। घरेलू उपायों में गर्म पानी से सेंकना, एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग, और स्वच्छता बनाए रखना शामिल है। यदि समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। डॉक्टर एंटीबायोटिक्स या सर्जिकल तरीके से इलाज कर सकते हैं। - फोड़ा और फुंसी को घरेलू नुस्खों से ठीक किया जा सकता है?
हां, कई घरेलू नुस्खे फोड़ा और फुंसी के इलाज में सहायक हो सकते हैं। इनमें हल्दी, नींबू, और एलोवेरा जैसे पदार्थों का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, यदि लक्षण गंभीर या लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। - फोड़ा और फुंसी को रोकने के लिए क्या उपाय करें?
फोड़ा और फुंसी को रोकने के लिए त्वचा की उचित देखभाल जरूरी है। नियमित रूप से त्वचा को साफ रखें, सही आहार लें, और उचित हाइजीन बनाए रखें। गंदगी या अत्यधिक तेल वाली त्वचा से बचने के लिए चेहरे को नियमित रूप से धोएं और नहाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से पोंछें। - क्या फोड़ा और फुंसी संक्रामक होते हैं?
फोड़ा और फुंसी आमतौर पर संक्रामक नहीं होते हैं, लेकिन यदि फोड़े या फुंसी को छूकर सीधे संपर्क किया जाए, तो बैक्टीरिया फैल सकता है। इसलिए, प्रभावित क्षेत्र को छूने से बचें और हाथों को अच्छी तरह से धोएं। - फोड़ा और फुंसी की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जा सकती है?
फोड़ा और फुंसी की पुनरावृत्ति से बचने के लिए त्वचा की नियमित देखभाल, स्वच्छता बनाए रखना, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना महत्वपूर्ण है। यदि समस्या बार-बार होती है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। - फोड़ा और फुंसी का आकार बढ़ने पर क्या करना चाहिए?
यदि फोड़ा या फुंसी का आकार तेजी से बढ़ रहा है या दर्द बढ़ रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें। यह संकेत हो सकता है कि संक्रमण गंभीर हो गया है या अतिरिक्त चिकित्सा की आवश्यकता है। - क्या फोड़ा और फुंसी के लिए किसी विशेष आहार की आवश्यकता होती है?
फोड़ा और फुंसी के इलाज के दौरान पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए। विटामिन C, जिंक, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि फल, हरी सब्जियाँ, और नट्स आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। - क्या फोड़ा और फुंसी का इलाज करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाइयाँ प्रभावी होती हैं?
हाँ, कुछ ओवर-द-काउंटर दवाइयाँ जैसे कि एंटीसेप्टिक क्रीम या जेल, और सामयिक एंटीबायोटिक्स फोड़ा और फुंसी के उपचार में सहायक हो सकती हैं। हालांकि, गंभीर मामलों में चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है। - फोड़ा और फुंसी को बिना चिकित्सा के घर पर ठीक किया जा सकता है?
छोटे और साधारण फोड़े या फुंसी को कुछ घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि लक्षण गंभीर हों, दर्द बढ़ रहा हो, या स्थिति में सुधार नहीं हो रहा हो, तो डॉक्टर से मिलना महत्वपूर्ण है। - क्या फोड़ा और फुंसी के लिए किसी विशेष त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग करना चाहिए?
त्वचा देखभाल उत्पादों में ऐसे उत्पादों का उपयोग करें जो नॉन-कॉमेडोजेनिक हों (जो त्वचा की छिद्रों को बंद न करें)। एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण वाले उत्पाद भी फोड़ा और फुंसी की देखभाल में सहायक हो सकते हैं। - क्या फोड़ा और फुंसी का इलाज के दौरान व्यायाम करना सुरक्षित है?
हल्के व्यायाम आमतौर पर सुरक्षित होते हैं, लेकिन यदि फोड़ा या फुंसी में सूजन या दर्द है, तो अत्यधिक शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए। यदि व्यायाम करने पर दर्द या असुविधा बढ़ती है, तो इसे रोक दें और डॉक्टर से सलाह लें। - क्या फोड़ा और फुंसी का कोई दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है?
फोड़ा और फुंसी आमतौर पर उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी स्कारिंग या त्वचा पर धब्बे रह सकते हैं। उचित देखभाल और उपचार से इनका दीर्घकालिक प्रभाव कम किया जा सकता है। - फोड़ा और फुंसी की सर्जरी आवश्यक होती है?
साधारणतः फोड़ा और फुंसी के लिए सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यदि संक्रमण गंभीर हो या पस बहुत अधिक हो, तो चिकित्सक ड्रेनेज (पस निकालना) के लिए सर्जिकल प्रक्रिया का सुझाव दे सकते हैं। - क्या फोड़ा और फुंसी गर्भावस्था के दौरान होते हैं?
हाँ, गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण फोड़ा और फुंसी हो सकते हैं। यदि गर्भवती महिला को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो डॉक्टर से सुरक्षित उपचार की सलाह लेना महत्वपूर्ण है। - फोड़ा और फुंसी के लिए कौन से प्राकृतिक उपचार प्रभावी हो सकते हैं?
कुछ प्राकृतिक उपचार जैसे कि गर्म पानी से सेंकना, हल्दी का लेप, और एलोवेरा जेल फोड़ा और फुंसी में राहत प्रदान कर सकते हैं। इनका उपयोग करते समय सावधानी बरतें और गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। - क्या फोड़ा और फुंसी की वजह से बुखार हो सकता है?
हाँ, कभी-कभी फोड़ा और फुंसी के संक्रमण से बुखार हो सकता है। यदि बुखार बना रहता है या बहुत उच्च हो जाता है, तो चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी है। - क्या फोड़ा और फुंसी की वजह से त्वचा पर permanent marks रह सकते हैं?
कुछ मामलों में, फोड़ा और फुंसी के ठीक होने के बाद त्वचा पर धब्बे या निशान रह सकते हैं। इन धब्बों को हल्का करने के लिए स्किन क्रीम और अन्य उपचार उपलब्ध हैं। - फोड़ा और फुंसी का इलाज करने में कितने समय लगता है?
फोड़ा और फुंसी के उपचार में समय लग सकता है, जो कि उनकी गंभीरता पर निर्भर करता है। आमतौर पर, घरेलू उपचार से कुछ सप्ताह में सुधार होता है, जबकि गंभीर मामलों में अधिक समय लग सकता है।
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