लिवर में फोड़ा (liver abscess) रोग क्या है ? – लक्षण ,कारण और 15 घरेलू उपाय

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि लिवर में फोड़ा (liver abscess) क्या होता है, इसके लक्षण, कारण और इससे राहत पाने के 15 घरेलू उपाय। लिवर में फोड़ा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, जिसके सही समय पर पहचान और उपचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यहाँ हम आपको इस रोग से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी और इसे ठीक करने के लिए उपयोगी घरेलू उपाय प्रदान करेंगे।

लिवर में फोड़ा (liver abscess) रोग क्या है

लिवर एब्सेस (liver abscess), लिवर के अंदर पैदा होने वाला एक संक्रमण है जो सामान्यत: जीवाणुओं के कारण होता है। यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो पेट के अंदर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस ब्लॉग में, हम लिवर एब्सेस के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, इलाज, और बचाव के बारे में बात की जाएगी। यह जानकारी स्वास्थ्य संवेदनशीलता बढ़ाने और लोगों को समस्याओं की समय रहते पहचानने में मदद करेगी, ताकि उन्हें उचित उपचार का लाभ लेने में सहायता मिले।

लिवर में फोड़ा liver abscess रोग क्या है ? - लक्षण कारण और 15 घरेलू उपाय
Liver Abscess

लिवर में फोड़ा का कारण

इसे एक खतरनाक रोग माना जाता है। यह लिवर में गोल तथा लम्बे आकार का फोड़ा होता है। इसके विषय में खोज जारी है, क्योंकि इसके बनने का विशेष कारण अभी तक पता नहीं चला है। साधारणतया यह फोड़ा अधिक शराब पीने, बवासीर का रक्तस्त्राव बंद होने तथा लिवर दर्द में चिकित्सा के प्रति असावधानी से हो जाता है।

Liver abscess रोग के लक्षण

यदि समय पर चिकित्सा नहीं होती तो लिवर का फोड़ा पक जाता है। फूट जाने पर सारे शरीर में विष फैल जाता है और रोगी की मृत्यु हो जाती है। इस रोग की शल्य चिकित्सा ही उचित है। फोड़ा हो जाने की हालत में लिवर स्थान पर रह-रहकर दर्द होता है। मल मुश्किल से आता है। आंखें पीली पड़ जाती हैं। खांसी, दाई पसलो में कठोरता, सूई चुभने जैसा दर्द, जी मिचलाते रहना, मुख का स्वाद कड़वा, वमन, हर समय बुखार बना रहना आदि इस रोग के मुख्य लक्षण हैं।

दवाईया –

लिवर में फोड़ा रोग कि घरेलू दवाईया

लिवर में फोड़ा liver abscess रोग क्या है ? - लक्षण कारण और 15 घरेलू उपाय
लिवर में फोड़ा (Liver Abscess)
  1. करेले का रस दो चम्मच सुबह तथा दो चम्मच शाम को शहद के साथ सेवन करें।
  2. ग्वारपाठा का रस 4 रत्ती, हल्दी का चूर्ण 2 रत्ती तथा सेंधा नमक का चूर्ण 2 रत्ती-इन सबको मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें।
  3. लिवर की पीड़ा बढ़ जाए तो ऊपरी भाग पर अलसों की पुलटिस बांचें। दर्द कम हो जाएगा। लेकिन भीतर बने फोड़े की शल्य-क्रिया आवश्यक है।
  4. पीपल, बायबिडंग तथा जवाखार- सबको समान मात्रा में कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। फिर 4-6 माशा चूर्ण शहद के साथ दें।
  5. चार चम्मच त्रिफला का चूर्ण दो कप पानी में पकाएं। जब पानी चौथाई भाग रह जाए तो उसे उतार लें और छानकर पी जाएं।
  6. प्रतिदिन 3 माशा जवाखार को मड्ढे के साथ खाएं।
  7. 2 ग्राम शंख भस्म फांककर ऊपर से मट्ठा पी जाएं।
  8. मकोय या पुनर्नवा का रस गरम करके ऊपरी भाग पर लेप करें। इससे
  9. हल्दी के उपयोग से लिवर का फोड़ा भी ठीक हो जाता है
  10. फोड़ा बैठने या दब जाने की सम्भावना रहती है। भांगरे के रस में एक चम्मच अजवायन पीसकर डालें। इसे पिलाने से
  11. रोगी को काफी लाभ होता है। करीर की कोंपलों का चूर्ण 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 6 ग्राम-दोनों को खरल करके इसकी 4 मात्राएं
  12. बनाएं। एक-एक मात्रा जल के साथ सुबह-शाम खाएं। अनार के थोड़े-से पत्तों को छाया में सुखा लें। फिर इसे पीसकर चूर्ण बनाएं। अब दो चम्मच चूर्ण में 1
  13. चुटकी नौसादर मिलाकर सुबह-शाम लें।
  14. कच्चे पपीते का ताजा दूध 5 बूंद तथा एक पका केला-दोनों को फेंटकर दोनों समय सेवन करें। करेले का रस एक चम्मच, राई का चूर्ण आधा चम्मच, भांगरे का रस 5 बूंद तथा नमक 1 चुटकी-इन सबको घोटकर रोगी को दें।
  15. कच्चे पपीते का दूध दो चम्मच तथा शहद तीन चम्मच दोनों को मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। फिर इसमें आधा कप गरम पानी मिलाएं। ठंडा होने पर कुछ दिनों तक नियमित रूप से पिएं।

आयुर्वेदिक दवाईया

  1. रोगी को वज्रक्षार चूर्ण, आरोग्य वर्द्धिनी गुटिका, क्षारागद, कुमार्यासव, अभया लवण, चित्रकाद्य घृत, बिड़ंगादि चूर्ण, माणादि गुटिका, शंखद्राक्ष आदि औषधियों में से उचित दवाएं चयन करके दी जा सकती हैं। ये दवाएं फार्मेसी पर मिल जाती हैं। सेवन विधि औषधि के रैपर पर अंकित होती है।
  2. आरोग्य वर्द्धिनी, पुनर्नवा मंडूर शतपुरी अभ्रक तथा मंडूर भस्म- तीनों दवाएं 1-1 ग्राम मिलाकर शहद के साथ चटाएं।

होमियोपैथिक दवाईया

  1. सभी प्रकार के लिवर रोगों की औषधि चेलिडोनियम विचूर्ण है। इसकी 4-5 बूंद रोजाना दो बार पानी या चीनी में मिलाकर रोगी को नियमित रूप से सेवन कराएं।
  2. लिवर में दर्द, भीवर की ओर फोड़ा, सुबह बेचैनी बढ़े आदि लक्षणों में कार्टुअस मेरियान्नस मदरट्टियां की. 5-5 बूंद दवा सुबह-शाम दें।
  3. लिवर में दर्द, आंखें पोली, फोड़े के कारण कड़ापन, अरुचि, मुंह का स्वाद खराब आदि लक्षणों में मर्क सोल 6 का सेवन करें।
  4. लिवर में कैंसर (फोड़ा) हो जाने पर क्लेसेटिनम 3 विचूर्ण के रूप में 5-5 बूंदें सुबह-शाम दें।
  5. liver abscess के हर प्रकार के रोग में कैमोमिला प्रसिद्ध दवा है।
  6. liver abscess में , पीला शरीर, आंखें पीली या सफेद दही जैसी आदि लक्षणों में चेलिडोनियम दें। लिवर दर्द, कैंसर, हरे रंग का लेसदार मल, जाड़ा मालूम हो आदि लक्षणों में पल्सेटिला 6 दें। इसमें आर्सेनिक 30 भी लाभकारी है।

एक्यूप्रेशर उपाय

  1. दाएं पैर में छंगुली के नीचे तलवे में तथा दाएं हाथ की हथेली में एक मिनट तक दबाव डालें। यह दवाव दिन में तीन बार दें। बाएं हाथ की हथेली तथा बाएं पैर के तलवे पर भी धीरे-धीरे नीचे की तरफ प्रेशर डालें।

यदि आपको liver abscess रोग लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण निर्देश –

हालाकि हमने ऊपर सभी तरह कि दवाइयों के बारे मे बताया है लेकिन अगर आप नीचे दिए गए निर्देशों को पालन करते है तो आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेंगा –

  1. तेल-घी में बनी चीजें या कठोर पदार्थ न खाएं।
  2. कच्चे पपीते का दूध 10 बूंद की मात्रा में चीनी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय अवश्य लें।
  3. मैदा, खोआ, आलू-कचालू बिल्कुल न खाएं।
  4. नीबू, प्याज, अदरक, ककड़ी, मूली, मौसमी, संतरा आदि खाएं।
  5. खुली हवा में सैर करें तथा हल्का व्यायाम करें।

Liver abscess मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

यहाँ liver abscess के बारे में कुछ आम सवाल (FAQs) हैं:

प्रश्न 1 : लिवर एब्सेस क्या होता है?
उत्तर: लिवर एब्सेस एक पूरी तरह से जीर्ण गांठ होती है जो लिवर के अंदर पुस से भरा होता है, जो कि अक्सर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। यह एक गंभीर चिकित्सा स्थिति हो सकती है जिसका त्वरित उपचार आवश्यक होता है।

प्रश्न 2 : लिवर एब्सेस(liver abscess) के सामान्य कारण क्या होते हैं?
उत्तर: लिवर एब्सेस बैक्टीरियल संक्रमण से हो सकता है, जैसे कि उन संक्रमणों से जो आंतों से उत्पन्न होते हैं (जैसे ई. कोली या क्लेब्सिएला), या शरीर के अन्य हिस्सों से संक्रमण के प्रसार के माध्यम से।

प्रश्न 3 : लिवर एब्सेस(liver abscess) के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: आम लक्षण में बुखार, ठंड, पेट का दर्द (विशेषकर ऊपरी दाएं ओर), मतली, उल्टी, थकान, और जॉन्डिस (त्वचा और आँखों का पीलापन) शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 4 : लिवर एब्सेस का निदान कैसे होता है?
उत्तर: निदान आमतौर पर चिकित्सा इतिहास का मूल्यांकन, शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, इमेजिंग अध्ययन (जैसे कि अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, या एमआरआई), और कभी-कभी इसके टेस्टिंग के लिए तरल की सुझावी आक्षेपण की जाती है।

प्रश्न 5 : लिवर एब्सेस के उपचार के क्या विकल्प होते हैं?
उत्तर: इसका उपचार आमतौर पर संक्रमण का मुकाबला करने के लिए एंटीबायोटिक्स के एक पाठ्यक्रम को शामिल करता है। कई मामलों में, गड्ढे को ड्रेन करना आवश्यक हो सकता है, या तो तरल की एक नमूना के लिए और टेस्टिंग के लिए एक सर्जिकल ड्रेनेज।

प्रश्न 6 : लिवर एब्सेस के क्या दुर्लभ प्रभाव हो सकते हैं??
उत्तर: अच्छे उपचार के साथ, अधिकांश लोग पूरी तरह से लिवर एब्सेस से बिना दुर्लभ प्रभाव के बिना निकल जाते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, कई बार लिवर की अन्य समस्याएँ हो सकती हैं।

प्रश्न 7 : क्या लिवर एब्सेस संक्रामक होता है??
उत्तर: लिवर एब्सेस खुद में संक्रामक नहीं है, लेकिन इसके विकास के लिए बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है, जो जीवाणुओं द्वारा एक से दूसरे तक प्रसारित हो सकते हैं।

प्रश्न 8 : अगर मुझे लगता है कि मेरे पास लिवर एब्सेस है, तो मैं क्या करूँ?
उत्तर: यदि आपको उच्च बुखार, पेट का दर्द या जॉन्डिस की समस्या है, तो आपको तत्काल चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। आपके हेल्थकेयर प्रोवाइडर संक्रमण को निदान करने और उचित उपचार का सुझाव देने में मदद करेंगे।

प्रश्न 9 : क्या लिवर एब्सेस को रोका जा सकता है?
उत्तर: अच्छे स्वास्थ्य और साफ-सुथरे रहने, त्वरित उपचार करने और स्वच्छ भोजन पाने के माध्यम से, लिवर एब्सेस को नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रश्न 10 : क्या लिवर एब्सेस एक जीवनकारी स्थिति है?
उत्तर: यदि त्वरित उपचार किया जाए, तो लिवर एब्सेस को बहुतायत में सही हो जाता है। हालांकि, अगर अपचार किया नहीं जाता है, तो यह गंभीर संक्रमण और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

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