पेशाब में खून आना – हेमैटूरिया Hematuria : लक्षण, निदान और 5 उपचार

यदि किसी व्यक्ति के मूत्र में खून आना, जिसे मेडिकल भाषा में ‘हेमैटूरिया’ कहा जाता है, तो यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। मूत्र में खून आने के कई कारण हो सकते हैं, और यह समस्या इसके पीछे लिए गए कारणों के आधार पर उपचार की आवश्यकता का संकेत देती है। इस ब्लॉग में, हम मूत्र में खून आने के कुछ सामान्य कारणों की चर्चा करेंगे, साथ ही इस स्थिति के निदान और उपचार के बारे में भी विस्तार से बात करेंगे।

हेमैटूरिया Hematuria क्या है ?

हेमैटूरिया एक मेडिकल शब्द है जो मूत्र में खून के प्रक्षेप को संदर्भित करता है। अर्थात, जब किसी व्यक्ति के मूत्र में खून होता है, तो उसे हेमैटूरिया कहा जाता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है और इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमें पथरी, मूत्रमार्ग संक्रमण, किडनी संक्रमण, प्रोस्टेट संक्रमण, या अन्य रोग शामिल हो सकते हैं। हेमैटूरिया के लक्षणों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, और यह व्यक्ति के शारीरिक संतुलन और स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।

पेशाब में खून आना - हेमैटूरिया Hematuria : कारण,लक्षण और 5 उपचार
Hematuria : कारण,लक्षण

हेमैटूरिया Hematuria रोग की उत्पत्ति

इस रोग में सबसे पहले मूत्राशय में हल्की सूजन आती है। मूत्राशय के परदे सूज जाते हैं। यह अवस्था छोटा अर्बुद निकलने के कारण होती है या सूजन के कारण खाल कमजोर पड़ने से होती है। इससे मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ता है जिससे मूत्र के साथ खून आना शुरू हो जाता है।

हेमैटूरिया Hematuria रोग के लक्षण

पेशाब में खून आना - हेमैटूरिया Hematuria : कारण,लक्षण और 5 उपचार
पेशाब में खून आना -Hematuria

रोगी पेशाब के साथ खून देखकर घबरा जाता है। पेट में कब्ज तथा मंदाग्नि की शिकायत हो जाती है। अधिक मूत्र आता है। मूत्र का रंग लाल पड़ जाता है। नींद आने में बाधा पड़ती है। शरीर दिन-प्रतिदिन क्षीण होता जाता है। कमर में दर्द रहता है जो जांघों में भी मालूम पड़ता है।

हेमैटूरिया Hematuria रोग के कारण

  1. पथरी (Kidney Stones): मूत्र में खून आने का सबसे सामान्य कारण पथरी होता है। पथरी के निर्माण के समय, किडनी की पाइप (यूरेटर) में चोट लगने के कारण खून आ सकता है।
  2. मूत्रमार्ग संक्रमण (Urinary Tract Infection): मूत्रमार्ग में संक्रमण होने पर भी मूत्र में खून आ सकता है।
  3. प्रोस्टेट संक्रमण (Prostate Infection): पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के संक्रमण के कारण भी मूत्र में खून आ सकता है।
  4. किडनी संक्रमण (Kidney Infection): किडनी के संक्रमण के साथ, जिसे पायलिनेफ्राइटिस कहा जाता है, भी मूत्र में खून आ सकता है।
  5. ब्लैडर संक्रमण (Bladder Infection): ब्लैडर के संक्रमण में भी मूत्र में खून आ सकता है।
  6. किडनी की बीमारियाँ: कई किडनी संबंधी बीमारियों, जैसे कि नेफ्रोटिक सिंड्रोम और पोलिसिस्टिक किडनी रोग, मूत्र में खून का कारण बन सकती हैं।
पेशाब में खून आना - हेमैटूरिया Hematuria : कारण,लक्षण और 5 उपचार
पेशाब में खून आना – हेमैटूरिया Hematuria :

हेमैटूरिया Hematuria रोग का उपचार –

1. घरेलू उपचार

  1. आंवले का रस 5 ग्राम, हल्दी आधा चम्मच तथा शहद एक चम्मच-तीनों को मिलाकर धीरे-धीरे चाटें।
  2. रात को इमली के बीजों (चियों) को पानी में भिगो दें। सुबह लाल छिलका छुटाकर बीजों को पीस लें। उसमें से दो चम्मच चटनी खाकर 250 ग्राम दूध पी जाएं। चार-पांच लसोड़े की कोंपलें थोड़े से पानी में भिगो दें। 8-10 घंटे भीगने के बाद उसे पानी में मथ लें। अब इस शरबत को छानकर पी जाएं।
  3. आधा कप अंगूर का शरबत तथा जरा-सी हल्दी-दोनों को मिलाकर मुंह की लार की अधिक मात्रा के साथ धीरे-धीरे चाटें।
  4. रात को थोड़े से दूध में चार-पांच छुहारे भिगो दें। प्रातः दूध फेंक दें और छुहारों की चटनी बनाकर खाएं।
  5. 1 ग्राम जावित्री का सेवन मिश्री के साथ करें।
  6. हल्दी 30 ग्राम, काले तिल 75 ग्राम और अजवायन 20 ग्राम-सबको पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण में थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर बेर के समान गोलियां बनाएं। चार-चार गोली सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करें।
  7. पके हुए दो केलों को आंवले के थोड़े से रस में फेंट लें। इसके बाद उसमें थोड़ी-सी कुटी हुई मिश्री मिलाकर उपयोग करें।
  8. मूत्र में खून आने की बीमारी दूर होती है इमली के चियों से
  9. केले की कच्ची फलियों के गूदे को थोड़ी-सी हल्दी में मथकर खाएं। जामुन की गुठली और बहेड़े के छिलके दोनों को समान भाग में पीसकर रात को सोने से पहले 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें।
  10. दो चम्मच आंवले का रस पानी में घोलकर पिएं।
  11. 2 रत्ती शुद्ध शिलाजीत का सेवन दूध के साथ करें।
  12. फिटकरी 10 ग्राम, सफेद चन्दन का चूरा 25 ग्राम तथा सूखे आंवले 10 ग्राम सबको पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण सुबह के समय दूध के साथ लें।

2. होमियोपैथिक दवाईया

  1. मूत्र के साथ खून आने तथा दर्द होने पर लिथियम कार्बोनिकम 30 का विचूर्ण दें।
  2. मूत्र के साथ खून आना, पेशाब का रंग लाल, मूत्राशय में जलन, पेशाब गरम होने आदि लक्षणों में कैहिन्का अच्छी दवा है।
  3. पेशाब में रक्त के छोटे रोकने के लिए रसएरोमिटका दें।
  4. पेशाब में जलन, खुजली, पेट व पेड़ में दर्द, पेशाब के साथ रक्त आदि लक्षणों में पेट्रोसेलेनियम लें।
  5. पेशाब में खून आने की शिकायत होने पर हेलोनियस मूलार्क 3 दें।

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जरूरी बाते –

हालाकि हमने ऊपर सभी तरह कि उपचार और दवाइयों के बारे मे बताया है लेकिन अगर आप नीचे दिए गए निर्देशों को पालन करते है तो आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेंगा –

  1. जौ, कुलथी, पुराना कहू, पत्तेदार सब्जियां, पथरचटा आदि रोगी के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
  2. पानी उबला हुआ ठंडा करके पिएं।
  3. शराब, चाय, आलू, प्याज, किशमिश, अंजीर, खटाई, देर से पचने वाली चीजें, सोडा, क्षारीय जल आदि न दें। व्यायाम भी न करें। 

यदि आपको हेमैटूरिया Hematuria रोग लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

हेमैटूरिया रोग मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पेशाब में खून आना - हेमैटूरिया Hematuria : Frequent asked question

यहाँ हेमैटूरिया के बारे में कुछ आम सवाल Frequent Asked Questions(FAQs) हैं:

प्रश्न 1 : हेमैटूरिया क्या है?
उत्तर: हेमैटूरिया एक स्थिति है जिसमें मूत्र में खून आता है।

प्रश्न 2 : हेमैटूरिया Hematuria के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर: हेमैटूरिया के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि पथरी, मूत्रमार्ग संक्रमण, किडनी संक्रमण, प्रोस्टेट संक्रमण, या अन्य रोग।

प्रश्न 3 : हेमैटूरिया के क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर: हेमैटूरिया के लक्षण में मूत्र में खून, मूत्र का बदबू, पेशाब करते समय दर्द या जलन शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 4 : हेमैटूरिया Hematuria का निदान कैसे होता है?
उत्तर: हेमैटूरिया के निदान के लिए, डॉक्टर आपकी अवस्था का मूल्यांकन करेंगे और उपयुक्त परीक्षण करेंगे, जैसे कि मूत्र परीक्षण और इमेजिंग टेस्ट।

प्रश्न 5 : हेमैटूरिया का उपचार क्या है?
उत्तर: हेमैटूरिया के उपचार का विकल्प रोग के कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है, जिसमें दवाइयों का सेवन, सर्जरी, और जीवनशैली परिवर्तन शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 6 : हेमैटूरिया Hematuria से बचाव के लिए क्या करें?
उत्तर: स्वस्थ जीवनशैली अनुशासन, पर्याप्त पानी पीना, तंबाकू, अल्कोहल, और कॉफी जैसी चीजों का सेवन कम करना हेमैटूरिया से बचाव करने में मदद कर सकता है।

प्रश्न 7 : हेमैटूरिया Hematuria की समस्या कितनी गंभीर हो सकती है?
उत्तर: हेमैटूरिया की गंभीरता उसके पीछे के कारण और व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ मामलों में, यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है जिसे उम्रके रोग, निर्देशित उपचार या चिकित्सा संवेदनशीलता की आवश्यकता हो सकती है।

प्रश्न 8 : हेमैटूरिया के संबंध में अधिक जानकारी कहाँ मिल सकती है?
उत्तर: हेमैटूरिया और इसके उपचार के बारे में अधिक जानकारी के लिए एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श लेना सबसे उत्तम होगा। वे आपको सही दिशा में गाइड करेंगे और आपके स्वास्थ्य समस्या को समझने और उसका सही उपचार करने में मदद करेंगे।

प्रश्न 9 : क्या हेमैटूरिया के लिए किसी विशेष उम्र समूह की संभावितता है?
उत्तर: हां, कुछ बार हेमैटूरिया को बच्चों या बुढ़ापे के लोगों में अधिक देखा गया है।

प्रश्न 10 : क्या हेमैटूरिया के अलावा और कोई लक्षण हो सकते हैं?
उत्तर: हां, कई मामलों में, हेमैटूरिया के साथ बच्चेदानी या पेट के दर्द, उलझन, या बहुत ज्यादा पेशाब करने की इच्छा भी हो सकती है।

प्रश्न 11 : हेमैटूरिया के लिए कोई प्राकृतिक उपचार हैं क्या?
उत्तर: कुछ मामलों में, प्राकृतिक उपचार जैसे कि घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक दवाइयाँ, आपको राहत दे सकते हैं, लेकिन आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

प्रश्न 12 : हेमैटूरिया क्या सिग्नल्स दे सकता है?
उत्तर: हां, हेमैटूरिया किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है और इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

प्रश्न 13 : हेमैटूरिया के क्या संभावित जीवनशैली कारक हो सकते हैं?
उत्तर: तंबाकू या अल्कोहल का अत्यधिक सेवन, पर्याप्त पानी की कमी, और बुरी खान-पान की आदतें हेमैटूरिया को बढ़ा सकती हैं।

प्रश्न 14 : हेमैटूरिया के क्या संभावित समस्याएं हो सकती हैं?
उत्तर: हेमैटूरिया के अगर निदान और उपचार में विलम्ब हो, तो यह गंभीर समस्याओं, जैसे कि किडनी संक्रमण या कैंसर, का कारण बन सकता है।

प्रश्न 15 : हेमैटूरिया के लिए नियमित जाँच-परीक्षण की आवश्यकता होती है क्या?
उत्तर: हां, खासकर अगर हेमैटूरिया के निदान के बाद भी लक्षण बने रहते हैं, तो नियमित जाँच-परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

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