पथरी Kidney stone : कारण, लक्षण, और 15 घरेलू उपाय

गुर्दे की पथरी एक ऐसी समस्या है जो कि आमतौर पर किडनी के अंदर बनी होती है और मूत्र मार्ग से गुज़रते समय आपको दर्द या जलन का अनुभव होता है। यह एक आम समस्या है, जो किसी भी वयस्क व्यक्ति को हो सकती है। इस ब्लॉग में, हम गुर्दे की पथरी के बारे में विस्तार से बात करेंगे।

पथरी Kidney stone की उत्पत्ति

जिन स्त्री-पुरुषों के मूत्र में कैल्शियम अधिक बनता है, उनको गुर्दे की पथरी जल्दी हो जाती है। यह छोटे- छोटे रेत के कण के समान होती है। ये कण सफेद तथा लाल रंग के होते हैं। जब ये गुर्दे में परस्परं इकट्ठे होते हैं तो मटर की तरह छोटे-छोटे पत्थर बन जाते हैं। यह पथरी गोल, चपटी, अण्डाकार, चिकनी या खुरदरी, कठोर, नर्म, सूक्ष्म अथवा आलू की तरह हो जाती है।

पथरी Kidney stone : कारण, लक्षण, और 15 घरेलू उपाय
पथरी Kidney Stone

पथरी Kidney stone का कारण

गुर्दे की पथरी का मुख्य कारण यह होता है कि किडनी में रक्त में मौजूद अनुजांघ (minerals) या अन्य तत्व प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण सूज जाते हैं और पथरी के रूप में जमा हो जाते हैं। यहां कुछ प्रमुख कारण हैं:

पथरी Kidney stone : कारण, लक्षण, और 15 घरेलू उपाय
पथरी Kidney stone
  1. पानी की कमी: अपेक्षाकृत कम पानी पीना या अत्यधिक समय तक डेहाइड्रेशन (dehydration) आपके गुर्दों में पथरी का खतरा बढ़ा सकता है।
  2. अधिक नमक और अन्य तत्वों का सेवन: अधिक मात्रा में नमक, प्रोटीन, और ओक्सैलेट का सेवन करने से पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
  3. गुर्दा संबंधी रोग: गुर्दे की संघटन (nephrolithiasis) या गुर्दे के संबंधित अन्य रोग भी पथरी का कारण बन सकते हैं।

पथरी Kidney stone के लक्षण

गुर्दे में पथरी बनने के बाद जब रोगी मूत्र त्याग करता है तो उसे दर्द अनुभव होता है। ऐसे में मूत्र धीरे-धीरे रुक-रुककर बाहर निकलता है। पेशाब के साथ एल्ब्यूमिन, पीप या कभी-कभी खून भी आता है। कई बार वृक्क में सूजन या फोड़ा बन जाता है। शिश्न के अगले भाग में दर्द होता है। जब पथरी गुर्दे से मूत्रमार्ग में आती है तो रोगी बेचैन हो उठता है। दर्द के कारण व्याकुलता बढ़ जाती है। कभी-कभी रोगी को उल्टी भी होती है।

उपचार –

1. घरेलू उपाय

  1. चन्दन तेल की 8-10 बूंदें एक बताशे में डालकर दिन में तीन बार सेवन करें।
  2. फिटकरी का फूला 1% ग्राम, कलमी शोरा 1% ग्राम और खांड़ 25 ग्राम तीनों चीजों को पानी में मिलाकर
  3. प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें।
  4. गाय के मट्टे में 10 ग्राम जवाखार मिलाकर दिन में दो बार प्रयोग करें।
  5. पिसी हुई हल्दी 25 ग्राम, पुराना गुड़ 50 ग्राम तथा चावलों की कांजी 100 ग्राम तीनों को मिलाकर खाने से पथरी में काफी आराम मिलता है।
  6. अखरोट के छिलकों को गिरी सहित कूट-पीसकर छान लें। एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम ठंडे पानी से कुछ दिनों तक सेवन कराएं।
  7. इलायची, शिलाजीत तथा पीपल तीनों 5-5 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। फिर इसमें 10 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर एक-एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम सेवन करें।
  8. आधा चम्मच नीम की पत्तियों के भस्म में जरा-सा कलमी शोरा मिलाकर उपयोग करें।
  9. गुर्दे की पथरी ऑपरेशन करके निकाल देने के बाद भी बन जाती है। अतः सेब का रस प्रतिदिन सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे पथरी बननी बंद हो जाती है।
  10. अखरोट के छिलके एवं गिरी गुर्दे की पथरी को निकाल फेंकते हैं
  11. गाजर, चुकन्दर, ककड़ी या खीरे का रस-प्रत्येक 150-150 ग्राम लेकर पानी में मिलाकर सेवन करें। 6 ग्राम मेहंदी के पत्तों को 1 लीटर पानी में औटाएं। जब पानी चौथाई लीटर रह जाए तो छानकर पी जाएं।
  12. 50 ग्राम चने की फूली हुई दाल में थोड़ा-सा शहद मिलाकर सेवन करें।
  13. मूली के बोजों का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम खाएं।
  14. दो चम्मच करेले के रस में जरा-सा सेंधा नमक मिलाकर चाटें।
  15. खीरे का रस 50 ग्राम तथा चुकन्दर का रस 30 ग्राम दोनों को मिलाकर दिन में चार बार उपयोग करें।
  16. बैंगन के भुरते में जरा-सा कच्ची मूली का रस मिलाकर ग्रहण करें।
  17. जौ के पानी में 6 ग्राम अजवायन मिलाकर सेवन करें।
पथरी Kidney stone : कारण, लक्षण, और 15 घरेलू उपाय
पथरी Kidney stone

2. आयुर्वेदिक इलाज

  1. 100 ग्राम वरुण का छिलका आधा लीटर पानी में औटाएं। जब पानी चौथाई रह जाए तो थोड़ा-सा गुड़ डालकर सेवन करें।
  2. जवाखार, अदरक का रस, हरड़ की छाल तथा मलयागिरि का चन्दन- सब 3-3 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पिएं।
  3. एरंड की छाल, पाषाणभेद, सोंठ तथा गोखरू सब बराबर की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करें। 5 ग्राम पेठे का रस, 2 ग्राम भुनी हुई हींग तथा 1 चुटकी जवाखार-तीनों को मिलाकर पिएं।
  4. सौंठ, एरंड, पाषाणभेद, वरुण, कूट, गोखरू, अरण्य की छाल तथा अमलतास का गूदा-सब 3-3 ग्राम लेकर दो कप पानी में औटाएं। जब पानी आधा कप रह जाए तो इस काढ़े में जरा-सा शहद डालकर पी जाएं।
  5. इलायची, पीपल, महुआ, पाषाणभेद, पित्तपापड़ा, गोखरू और अडूसा-सब 4-4 ग्राम की मात्रा में मोटा- मोटा कूट लें। फिर इसका काढ़ा बनाकर उपयोग करें।
  6. कुलथी, सेंधा नमक, मिश्री, बायबिडंग, पथरचटा का पत्ता, जवाखार, पेठे का रस, पेठे के बीज और गोखरू सब उचित अनुपात में लेकर काढ़ा बनाकर पिएं।
  7. 10 माशे तिलेती की राख को शहद में मिलाकर सेवन करें।
  8. मजीठ, तिबर्सी के बीज, सफद जीरा, सौंफ, आंवला, बेर की माँगी, आंवलासार गंधक तथा मैनसिल- सब उचित मात्रा में लेकर पीस डालें। इसमें से 5 माशे चूर्ण प्रतिदिन शहद के साथ खाएं।

3. होमियोपैथिक दवाईया

  1. पेशाब में जलन, मूत्रनली में तीव्र दर्द, मूत्र की पथरी, गुर्दे में कूथन आदि लक्षणों में कैथेरिस दें। • यदि पथरी के कार्ण मूत्र में खून आए तो श्लेस्पिवर्सा पेस्टोरिस का प्रयोग करें।
  2. यदि मूत्र के साथ रेत के कण मालूम पड़ें तो सार्सापेरिला दें। पथरी के तेज दर्द में बेलाडोना तथा कैमोमिला बड़ी उपयोगी दवाएं हैं।
  3. एक्स-रे द्वारा पथरी के बारे में पता चल जाए तो चायना 6 दें।
  4. हाईड्रेजिया देने से छोटी-छोटी पथरियां निकल जाती हैं।
  5. बर्बेरिस वल्गेरिस मूलार्क पथरी के लिए उपयोगी दवा है।

4. चुम्बक उपाय

  1. रोगी के पैर के तलवों पर चुम्बक लगाना चाहिए।
  2. जहां तेज दर्द हो या पथरी की शंका मालूम हो, वहां दक्षिणी ध्रुव का चुम्बक लगाएं।
  3. पीठ में नितम्ब स्थल पर भी चुम्बक लगाएं।
  4. चुम्बक दिन में तीन बार 20 से 45 मिनट तक लगाएं।
  5. चुम्बक लगाने के बाद हाथ-पांव न धोएं। किसी दवा का प्रयोग भी तुरन्त न करें।
  6. चुम्बक लगाने के एक घंटा बाद भोजन, दवा, शरबत आदि का सेवन करें।
  7. चुम्बकीय बेल्ट (पेटी) का प्रयोग करें। यह कमर तथा पेड़ पर बांधी जाती है।
  8. दोनों ध्रुवों द्वारा तैयार किया गया जल दिन में तीन बार पिलाएं।

5. एक्यूप्रेशर उपाय

  1. दाएं पैर के तलवे में अंगूठे से नीचे (दो अंगुल) मांस पर दबाव दें।
  2. दाएं हाथ की हथेली के बीचो-बीच अंगूठे से 5 सेकंड तक दबाव दें। दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को प्रेशर डालने की क्रिया करें।
  3. दोनों पैरों के टखने से कुछ ऊपर की ओर दबाव दें।
  4. दाएं हाथ की कलाई पर जहां से पंजा शुरू होता है, नब्ज के पास दबाव डालें।
  5. दाएं हाथ के पंजे पर अंगूठे के बीच वाली घाई में प्रेशर दें।
  6. पीठ के मध्य भाग में प्रेशर देने से पथरी का दर्द दूर होता है।
  7. कुछ रोगियों में पैराथायरॉइड ग्रंथियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। अतः इन ग्रंथियों का कार्य ठीक करने के लिए सीधे पैर के तलवे तथा दाएं हाथ के अंगूठे के नीचे प्रेशर डालना चाहिए।
  8. यदि गुर्दे में तेज दर्द हो तो सम्बंधित बिन्दुओं पर धीरे-धीरे 2-3 सत्ताह दबाव डालें।

जरूरी बाते –

हालाकि हमने ऊपर सभी तरह कि उपचार और दवाइयों के बारे मे बताया है लेकिन अगर आप नीचे दिए गए निर्देशों को पालन करते है तो आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेंगा –

  1. पथरी रोग में क्षारीय, खट्टी तथा अम्लीय चीजें अधिक मात्रा में न खाएं।
  2. रोगी को जौ, नारियल का पानी, गेहूं का महीन दलिया, दूध, हल्की चाय, अंडा, मांस का शोरबा आदि दिया जा सकता है।
  3. पालक, टमाटर, हर प्रकार की गोभी, कटहल, मोटा दलिया, चाट पकौड़े, गरम मसाला, बर्फ आदि का सेवन कदापि न करें।
  4. इस रोग में सादा या उबला हुआ भोजन ही रोगी को अधिक लाभ पहुंचाता है।

यदि आपको पथरी Kidney stone रोग लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।

पथरी Kidney stone रोग मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

frequent asked question 1

यहाँ गुर्दे की पथरी Kidney stone के बारे में कुछ आम सवाल Frequent Asked Questions(FAQs) हैं:

प्रश्न 1 : पथरी Kidney stone क्या है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी एक रोग है जिसमें किडनी में अलग-अलग तरह के अनुजांघ (minerals) जमा हो जाते हैं और पथरी के रूप में बन जाते हैं। ये पथरी यूरीन में निकलते समय दर्द या जलन का कारण बनते हैं।

प्रश्न 2 : पथरी Kidney stone के कारण क्या होते हैं?
उत्तर: गुर्दे की पथरी के कारणों में बदलती आहार और पानी की कमी, उच्च नमक और प्रोटीन आहार, जीवाणु संक्रमण, या परिवारिक इतिहास शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 3 : पथरी Kidney stone के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: गुर्दे की पथरी के लक्षण में पेट की तरफ या किडनी क्षेत्र में दर्द, पेशाब करते समय जलन या दर्द, पेशाब में रक्त या पेशाब में बार-बार इच्छा शामिल हो सकते हैं।

प्रश्न 4 : पथरी Kidney stone का निदान कैसे होता है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी का निदान मूत्र परीक्षण, यूरीन कल्चर, और इमेजिंग टेस्ट जैसे विभिन्न टेस्टों के माध्यम से किया जा सकता है।

प्रश्न 5 : पथरी Kidney stone का उपचार क्या होता है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी के उपचार में उचित दवाओं का सेवन, पानी की अधिक मात्रा में सेवन, और समय-समय पर चिकित्सक की सलाह का पालन शामिल हो सकता है।

प्रश्न 6 : पथरी Kidney stone को कैसे रोका जा सकता है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी को रोकने के लिए प्रतिदिन पानी की अधिक मात्रा में सेवन करें, नमक और प्रोटीन का सेवन कम करें, और नियमित रूप से चिकित्सक की सलाह लें।

प्रश्न 7 : गुर्दे की पथरी क्या किसी अन्य बीमारी का लक्षण हो सकता है?
उत्तर: हां, गुर्दे की पथरी अन्य किडनी रोगों के साथ जुड़ सकती है, जैसे कि किडनी संक्रमण या किडनी की संघटन (nephrolithiasis)।

प्रश्न 8 : गुर्दे की पथरी किसी विशेष आयु वर्ग को ज्यादा प्रभावित करती है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी किसी भी वयस्क या बच्चे को प्रभावित कर सकती है, लेकिन बच्चों में पथरी के कारण अधिक हो सकते हैं।

प्रश्न 9 : गुर्दे की पथरी का इलाज कितना समय लगता है?
उत्तर: गुर्दे की पथरी का इलाज उसकी आकार और प्रकार पर निर्भर करता है, लेकिन अधिकतर मामलों में सही उपचार के बाद लाभ लिया जा सकता है।

प्रश्न 10 : क्या गुर्दे की पथरी दर्द के अलावा और कोई समस्या उत्पन्न कर सकती है?
उत्तर: हां, गुर्दे की पथरी मूत्र तंत्र में संक्रमण, मूत्र तंत्र के बंद हो जाना, गुर्दे को नुकसान पहुंचना, या सही तरीके से प्रबंधन न किए जाने पर पुनः पथरी बनने जैसी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

प्रश्न 11 : क्या खाद्य या जीवनशैली में कुछ बदलाव हो सकते हैं जो गुर्दे की पथरी को रोकने में मदद कर सकते हैं?
उत्तर: हां, नमक, प्रोटीन, और ऑक्सलेट्स कम करने वाले आहार को अपनाना, पर्याप्त पानी पीना, और नियमित व्यायाम के द्वारा स्वस्थ वजन बनाए रखना गुर्दे की पथरी के रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है।

प्रश्न 12 : क्या उपचार के बाद फिर से गुर्दे की पथरी हो सकती है?
उत्तर: हां, गुर्दे की पथरी को पुनः होने की प्रवृत्ति होती है, खासकर अगर मौजूदा कारणों को संबोधित नहीं किया जाता है या अगर निरंतर उपायों का पालन नहीं किया जाता है।

प्रश्न 13 : क्या किसी विशेष आयु समूह को गुर्दे की पथरी विकसित होने की अधिक संभावना है?
उत्तर: हालांकि गुर्दे की पथरी किसी भी आयु में हो सकती है, लेकिन यह अधिकतर 30-60 वर्षीय वयस्कों में अधिक होती है। हालांकि, बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति भी गुर्दे की पथरी विकसित कर सकते हैं।

प्रश्न 14 : क्या गुर्दे की पथरी के बिना चिकित्सा दखल के साथ ही निकल सकती है?
उत्तर: कुछ मामलों में, छोटी गुर्दे की पथरी तंत्र से स्वतः निकल सकती है, खासकर अगर व्यक्ति पर्याप्त पानी पीता है और डॉक्टर के निर्देशानुसार दर्द निवारक दवा लेता है। हालांकि, बड़ी पथरी को हटाने के लिए चिकित्सा दखल की आवश्यकता हो सकती है।

प्रश्न 15 : क्या कुछ दवाइयाँ गुर्दे की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
उत्तर: हां, कुछ दवाइयाँ, जैसे कि कुछ डायूरेटिक दवाएँ या कैल्शियम परागोनेट का सेवन, पथरी Kidney stone के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

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