एक्जिमा रोग, जिसे ‘एटॉपिक डर्मेटाइटिस’ के नाम से भी जाना जाता है, एक सामान्य लेकिन जटिल त्वचा रोग है जो बच्चों और वयस्कों दोनों में देखा जाता है। यह रोग त्वचा की सूजन, खुजली और लालिमा के रूप में प्रकट होता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को काफी असुविधा हो सकती है। एक्जिमा एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसका मतलब है कि यह समय-समय पर ठीक हो सकता है और फिर से भड़क सकता है। हालांकि यह रोग जीवन के लिए खतरा नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों के कारण यह व्यक्ति की जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
इस ब्लॉग में, हम एक्जिमा रोग के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि एक्जिमा क्या है, इसके मुख्य कारण क्या हो सकते हैं, इसके सामान्य लक्षण क्या हैं, और इसके उपचार और प्रबंधन के कौन-कौन से तरीके उपलब्ध हैं। इसके अलावा, हम कुछ प्राकृतिक उपायों और जीवनशैली में बदलावों के बारे में भी चर्चा करेंगे जो इस रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
एक्जिमा के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सही जानकारी प्रदान करना इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य है, ताकि इस रोग से पीड़ित लोग बेहतर जीवन जी सकें और उचित देखभाल के माध्यम से अपने लक्षणों को नियंत्रित कर सकें।
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एक्जिमा रोग क्या है?(what is eczema disease )
एक्जिमा, जिसे एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है, एक दीर्घकालिक त्वचा रोग है जो त्वचा की सूजन, खुजली और लालिमा के रूप में प्रकट होता है। यह बीमारी आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है। एक्जिमा के लक्षण समय-समय पर भड़क सकते हैं और ठीक हो सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से समाप्त नहीं होती।
प्रकार: एक्जिमा के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं:
- एटॉपिक डर्मेटाइटिस: यह सबसे सामान्य प्रकार का एक्जिमा है, जो अक्सर बचपन में शुरू होता है और एलर्जी (जैसे कि अस्थमा या हे फीवर) के साथ जुड़ा हो सकता है।
- कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस: यह तब होता है जब त्वचा किसी बाहरी पदार्थ के संपर्क में आती है जो एलर्जी या जलन पैदा कर सकता है, जैसे कि साबुन, डिटर्जेंट, रसायन या धातुएं।
- डाइशिड्रोटिक एक्जिमा: यह हाथों और पैरों पर छोटे, खुजलीदार फफोले के रूप में प्रकट होता है।
- सेबोर्रहेइक डर्मेटाइटिस: यह त्वचा पर तैलीय, पपड़ीदार चकत्ते के रूप में दिखाई देता है और अक्सर खोपड़ी, चेहरे और छाती पर पाया जाता है।
- स्टैसिस डर्मेटाइटिस: यह तब होता है जब पैरों की नसों में रक्त संचार की समस्या होती है, जिससे त्वचा पर सूजन और जलन हो सकती है।
एक्जिमा रोग के कारण (causes of eczema disease)
छाजन (एक्जिमा रोग) रोग के उत्पन्न होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें आंतरिक और बाह्य कारक दोनों शामिल हैं। इस रोग के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- मन्दाग्नि: पाचन तंत्र की कमजोरी और अपूर्ण पाचन की स्थिति।
- लू लगना: अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आना।
- मासिक धर्म में गड़बड़ी: स्त्रियों में मासिक धर्म चक्र में असंतुलन।
- खून की बीमारी: रक्त में अशुद्धियों का होना।
- साबुन, चूना, सोडा, क्षार आदि का अधिक मात्रा में प्रयोग: कठोर रसायनों और सफाई उत्पादों का अत्यधिक उपयोग।
- तंग वस्त्र धारण करना: शरीर को कसने वाले कपड़े पहनना।
- गलत भोजन: असंतुलित और हानिकारक आहार का सेवन।
- अधिक शराब पीना: अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन।
- मां के दूध में खराबी: स्तनपान कराने वाली मां के दूध में अशुद्धियों का होना।
- स्वास्थ्य की ओर ध्यान न देना: सामान्य स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान न रखना।
यह रोग शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जैसे कि हाथ, पैर, मुंह, कोहनी, गर्दन, और पेट।
एक्जिमा रोग के लक्षण (symptoms of eczema disease)
छाजन (एक्जिमा रोग) में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं:
- लाल-लाल फुंसियां: त्वचा पर लाल रंग की फुंसियां उभर आती हैं, जो खुजली और जलन का कारण बनती हैं।
- चकत्ते: प्रभावित क्षेत्र में चकत्ते पड़ जाते हैं, जो त्वचा को असामान्य रूप देते हैं।
- घाव: फुंसियों और चकत्तों के कारण त्वचा पर घाव बन सकते हैं।
- गाढ़ा और पीला पानी: घावों से गाढ़े और पीले रंग का पानी निकलता है, जो त्वचा पर तेजी से फैल सकता है।
- स्वास्थ्य पर प्रभाव: इस रोग के कारण संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिससे थकान और अस्वस्थता महसूस हो सकती है।
- पुराना छाजन: यदि छाजन अधिक गंभीर और पुराना हो जाए, तो यह स्थिति जटिल हो सकती है और इसे ठीक करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
इन लक्षणों की पहचान कर समय पर उचित उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, ताकि रोग को अधिक गंभीर होने से रोका जा सके।
एक्जिमा रोग के 20 घरेलू उपाय (home remedies for eczema disease)
- खाद्य पदार्थों से परहेज: सबसे पहले तेज मिर्च-मसाले, मांस, अंडा, शक्कर, मिठाई, गुड़, तेल तथा कच्चे फल खाना बंद कर दें, क्योंकि ये पदार्थ रोग को बढ़ाते हैं।
- मूंगफली का तेल: मूंगफली का तेल गरम करके त्वचा पर थोड़ी-थोड़ी देर बाद लगाएं।
- पेट साफ रखें: कब्ज होने पर कोई विरेचन लें। यह त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
- कच्चे पपीते का रस: एक्जिमा वाले स्थान पर कच्चे पपीते का रस दिन में चार-पांच बार नियमित रूप से लगाएं।
- स्नान के तरीके:
1. जाड़े के दिनों में: नमकीन पानी से स्नान करें।
2. गर्मी के मौसम में: पानी में लाल दवा डालकर स्नान करें।
3. नीम के पत्ते: थोड़े-से नीम के पत्ते पानी में डालकर उबालें, फिर उससे स्नान करें। नीम के पत्तों का रस रोगी के छाजन(एक्जिमा) पर भी लगाएं। - मूली के पत्ते और बोज: मूली के पत्ते तथा बोज-दोनों को पीसकर फिटकरी का पानी दिनभर में पांच-छः बार लगाएं।
- हरी मिर्च और सरसों का तेल: चार-पांच हरी मिर्चे महीन पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर लगाएं।
- हरड़ का चूर्ण: 2 चुटकी हरड़ का चूर्ण भोजन के बाद सेवन करें।
- करेला: करेले को कुचलकर उसका रस छाजन वाले स्थान पर लगाएं।
- नीबू का रस: नीबू का रस लगाने से भी छाजन में लाभ होता है।
- गेहूं और सरसों का तेल: गेहूं को भूनकर उसकी राख सरसों के तेल में मिलाकर लगाएं।
- गाजर का रस: नित्य दो कप गाजर का रस पीने और लगाने से छाजन(एक्जिमा) जाता रहता है।
- सरसों का तेल और हल्दी: सरसों के तेल में पिसी हुई हल्दी मिलाकर लगाने से छाजन खत्म हो जाता है।
- अंजीर का प्रयोग:
1. अंजीर की जड़: अंजीर के पेड़ की जड़ खोदकर धो डालें, फिर उसे पानी में घिसकर त्वचा पर लगाएं।
2. अंजीर की कलियाँ: अंजीर की कोमल कलियों को पीसकर देशी घी में मिलाकर मलहम की तरह छाजन पर लगाएं। - गाय के गोबर का रस: गाय के गोबर में से रस निचोड़कर रूई के फाहे से छाजन(एक्जिमा) पर लगाएं।
- गन्ने का सिरका और शहद: गन्ने का सिरका तथा शहद दोनों को मिलाकर लेप करें।
- प्याज और लहसुन का रस: प्याज का रस तथा लहसुन का रस-दोनों मिलाकर छाजन(एक्जिमा) पर लगाने से काफी लाभ होता है।
- शहद शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो एग्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। शहद को सीधे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें।
- नारियल तेल :नारियल तेल एग्जिमा के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो त्वचा की संक्रमण से सुरक्षा करते हैं और नमी बनाए रखते हैं। इसे प्रभावित क्षेत्रों पर नियमित रूप से लगाएं।
- एलोवेरा :एलोवेरा जेल त्वचा को शांत करता है और जलन को कम करता है। इसमें एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो एग्जिमा को राहत देते हैं।ताजे एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और सूखने दें।
एक्जिमा रोग कि आयुर्वेदिक दवाईया (ayurvedic medicine for Eczema)
- सजीखार, मूली का क्षार तथा शंख चूर्ण-इन सबको बराबर की मात्रा में पीसकर मोम या गाय के घी में मिलाकर त्वचा पर दिन में चार बार लगाएं।
- मूली का भस्म, हल्दी का भस्म तथा शंख चूर्ण- तीनों समान मात्रा में लेकर मूंगफली के तेल में मिलाकर छाजन पर लगाएं।
- सहिजन के बोज, मूली के बीज, सरसों, तुलसी तथा इन्द्रजौ- इन सबको दूध या मड्ढे में पीसकर लेप करने से छाजन नष्ट हो जाता है।
- हरड़, बहेड़ा, आंवला, नीम की छाल, उसवा, कुटकी, मजीठ, चोबचीनी, गिलोय तथा गोरखमुण्डी- सब 15-15 ग्राम की मात्रा में लेकर आधी बाल्टी पानी में डालकर भपका (अर्क) तैयार करें। इस अर्क को बोतल में भरकर रख लें। प्रतिदिन चार चम्मच अर्क सुबह-शाम सेवन करें।
- सौंफ, गावजबां, गुलाब के फूल तथा मुलहठी-सब 10-10 ग्राम लेकर थोड़े से पानी में काढ़ा तैयार करके रख लें। रोज सुबह-शाम दो-दो चम्मच काढ़ा गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
- बिजौरे की जड़, बालछड़, देवदारु, सौंठ, रासना तथा एरंड- सबको पीसकर छाजन पर लेप करें।
एक्जिमा रोग कि होमीओपैथी दवाईया (homeopathy medicine for eczema)
- पिंडली और जांघ में एक्जिमा
लीडम 6 या 30: यदि पिंडली और जांघ में एक्जिमा हो तो लीडम 6 या 30 का उपयोग करें। - हाथ-पैर में एक्जिमा और त्वचा की खुश्की
सैनीम्यूला 6: हाथ-पैर में एक्जिमा के कारण सारे शरीर में खुश्की, सिर में रूसी, और हाथ की उंगलियां फटी-फटी मालूम पड़ें तो सैनीम्यूला 6 का सेवन करें। - जगह-जगह एक्जिमा और खुजली
निकोलस 6 या 30: यदि शरीर में जगह-जगह एक्जिमा, खुजली, बेचैनी, खुजाते-खुजाते खून निकल आए, जलन आदि लक्षण हों तो निकोलस 6 या 30 का प्रयोग करें। - खुजली और सुन्न होने की हालत
कोडिनम 6: खुजली, सुन्न होना, कटि जैसी पीड़ा, अकौता आदि लक्षणों में कोडिनम 6 का सेवन करें। - शाम को रोग बढ़ना और बेचैनी
एसाइमिना 6: यदि शाम को रोग अधिक बढ़ जाए, खुजली और बेचैनी हो तो एसाइमिना 6 का उपयोग करें। - छोटी-छोटी फुंसियां और पीप
एक्साइफा 3 या 6: छोटी-छोटी फुंसियां, पीप निकलना, पपड़ी और काले धब्बे आदि लक्षणों में एक्साइफा 3 या 6 लें। - खाज, खुजली और एक्जिमा
एगारिकस 3 या 6: खाज, खुजली, और एक्जिमा के उपचार के लिए एगारिकस 3 या 6 का उपयोग करें।
एक्जिमा रोग कि चुम्बक चिकित्सा (magnet therapy for eczema)
- चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव: छाजन वाले स्थान पर पतला कपड़ा लपेटकर शक्तिशाली चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव लगाएं।
- समय: चुम्बक 15-20 मिनट के बाद हटा लें।
- आवृत्ति: चुम्बक दिन में दो-तीन बार लगाएं।
- चुम्बक द्वारा प्रभावित जल: दिन में चार बार पिलाएं।
एक्जिमा रोग के लिए सावधानियाँ (Precautions for Eczema)
- खान-पान में सावधानियाँ
i. तेज मिर्च-मसाले: तेज मिर्च-मसाले, मांस, अंडा, शक्कर, मिठाई, गुड़, तेल तथा कच्चे फल खाना बंद कर दें, क्योंकि ये पदार्थ रोग को बढ़ाते हैं।
ii. सादा भोजन: सादा और हल्का भोजन करें। उबली हुई सब्जियों का सेवन करें।
iii. बादाम और लहसुन: प्रतिदिन बादाम और लहसुन की चटनी भोजन के साथ अवश्य खाएं। - त्वचा की देखभाल
i. मूंगफली का तेल: मूंगफली का तेल गरम करके त्वचा पर थोड़ी-थोड़ी देर बाद लगाएं। - ii. नीम का उपयोग: थोड़े-से नीम के पत्ते पानी में डालकर उबालें, फिर उससे स्नान करें। नीम के पत्तों का रस रोगी के छाजन पर भी लगाएं।
- iii. कच्चे पपीते का रस: छाजन वाले स्थान पर कच्चे पपीते का रस दिन में चार-पांच बार नियमित रूप से लगाएं।
- स्नान के तरीके
i. नमकीन पानी से स्नान: जाड़े के दिनों में नमकीन पानी से स्नान करें।
ii. लाल दवा1: गर्मी के मौसम में पानी में लाल दवा डालकर स्नान करें। - जीवनशैली में बदलाव
i. धूल और धुएं से बचें: अधिक घूमने-फिरने, फेफड़ों में सांस द्वारा धूल या धुएं पहुंचने आदि के कारण खांसी बढ़ सकती है। अतः घर पर आराम करें।
ii. स्वच्छता बनाए रखें: त्वचा को स्वच्छ और शुष्क रखें। - रोगी का मानसिक स्वास्थ्य
विश्वास दिलाएं: रोगी को यह विश्वास दिलाते रहें कि उसकी खांसी बराबर ठीक हो रही है।
इन सावधानियों को अपनाकर आप एक्जिमा रोग से राहत पा सकते हैं और अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं।
- लाल दवा पोटैशियम परमैंगनेट को कहते हैं, जिसका रासायनिक सूत्र K M n O 4 है। ↩︎
एक्जिमा रोग में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Eczema)
- प्रश्न : एक्जिमा रोग क्या है?
उत्तर: एग्जिमा एक चर्म रोग है जिसमें त्वचा सूखी, खुजलीदार, और लाल हो जाती है। यह एक दीर्घकालिक (क्रॉनिक) समस्या हो सकती है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है। - प्रश्न : एक्जिमा रोग के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: एग्जिमा के सामान्य लक्षणों में खुजली, सूजन, लालिमा, त्वचा का फटना, और दाने शामिल हैं। कभी-कभी त्वचा पर छोटे-छोटे छाले भी हो सकते हैं जो फटने पर तरल पदार्थ छोड़ सकते हैं। - प्रश्न : एक्जिमा रोग के कारण क्या होते हैं?
उत्तर: एग्जिमा का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह अनुवांशिक, पर्यावरणीय, और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी समस्याओं के कारण हो सकता है। तनाव, एलर्जी, और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले कारक भी एग्जिमा को बढ़ावा दे सकते हैं। - प्रश्न : क्या एक्जिमा रोग संक्रामक है?
उत्तर: नहीं, एग्जिमा संक्रामक नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। - प्रश्न : एक्जिमा रोग का इलाज कैसे किया जा सकता है?
उत्तर: एग्जिमा का इलाज लक्षणों को नियंत्रित करने और त्वचा की स्थिति में सुधार लाने पर केंद्रित होता है। इसमें मॉइस्चराइज़र का उपयोग, स्टेरॉयड क्रीम, एंटीहिस्टामिन, और प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने वाली दवाएं शामिल हो सकती हैं। प्राकृतिक उपचार और जीवनशैली में बदलाव भी मददगार हो सकते हैं। - प्रश्न : क्या एग्जिमा पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
उत्तर: एग्जिमा एक क्रॉनिक समस्या हो सकती है, लेकिन उचित देखभाल और इलाज से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मामलों में, लोग समय के साथ सुधार देख सकते हैं। - प्रश्न : एग्जिमा के लिए कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: एग्जिमा को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित सावधानियाँ रखी जा सकती हैं:
i. त्वचा को मॉइस्चराइज रखना
ii. खुजली से बचने के लिए नरम कपड़े पहनना
iii. हार्श साबुन और डिटर्जेंट से बचना
iv. एलर्जेन और तनावपूर्ण स्थितियों से दूर रहना
v. डॉक्टर की सलाह का पालन करना - प्रश्न : क्या आहार एग्जिमा को प्रभावित करता है?
उत्तर: कुछ लोगों में, विशेष खाद्य पदार्थ एग्जिमा को बढ़ा सकते हैं। हालांकि, यह व्यक्ति-व्यक्ति पर निर्भर करता है। डायरी रखकर आप यह देख सकते हैं कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके लिए समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। - प्रश्न : बच्चों में एग्जिमा कैसे संभालें?
उत्तर: बच्चों में एग्जिमा का प्रबंधन करने के लिए, उनकी त्वचा को नमीयुक्त रखें, खुजली से बचाने के उपाय करें, और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए उपचारों का पालन करें। बच्चों के लिए उचित कपड़े और देखभाल उत्पादों का उपयोग भी महत्वपूर्ण है। - प्रश्न : क्या एग्जिमा और सोरायसिस (Psoriasis) में अंतर है?
उत्तर: हां, एग्जिमा और सोरायसिस दोनों अलग-अलग चर्म रोग हैं। एग्जिमा में त्वचा सूखी, खुजलीदार, और लाल हो जाती है, जबकि सोरायसिस में त्वचा पर मोटे, सिल्वर रंग के पपड़ीदार पैच बन जाते हैं। दोनों के इलाज और लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। - प्रश्न : क्या एग्जिमा से होने वाले घावों में संक्रमण का खतरा होता है?
उत्तर: हां, एग्जिमा से प्रभावित त्वचा में खुजली और खुजलाने से घाव हो सकते हैं, जो संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं। बैक्टीरिया, वायरस, और फंगल संक्रमण आमतौर पर ऐसे घावों में हो सकते हैं। - प्रश्न : एग्जिमा के लिए कौन-कौन से परीक्षण (tests) किए जाते हैं?
उत्तर: एग्जिमा के निदान के लिए आमतौर पर त्वचा का परीक्षण (skin examination) किया जाता है। कभी-कभी एलर्जी परीक्षण (allergy tests) और ब्लड टेस्ट भी किए जा सकते हैं ताकि अन्य संभावित कारणों को बाहर किया जा सके। - प्रश्न : क्या एग्जिमा का कोई घरेलू इलाज (home remedy) है?
उत्तर: एग्जिमा के लिए कुछ घरेलू उपाय शामिल हो सकते हैं:
i. ओटमील बाथ (Oatmeal bath) लेना
ii. नारियल तेल (Coconut oil) का उपयोग
iii. एलोवेरा जेल (Aloe vera gel) लगाना
iv. शहद (Honey) का उपयोग हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी घरेलू उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह ली जाए। - प्रश्न : क्या गर्भावस्था के दौरान एग्जिमा पर असर पड़ता है?
उत्तर: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन एग्जिमा को बढ़ा या घटा सकते हैं। कुछ महिलाओं में लक्षणों में सुधार हो सकता है, जबकि अन्य में यह और खराब हो सकते हैं। गर्भावस्था के दौरान किसी भी उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। - प्रश्न : क्या एग्जिमा के मरीजों को विशेष प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: हां, एग्जिमा के मरीजों को नरम, सूती कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। ऊनी और सिंथेटिक कपड़े त्वचा को चिढ़ा सकते हैं और खुजली को बढ़ा सकते हैं। - प्रश्न : एग्जिमा के दौरान त्वचा की देखभाल कैसे करें?
उत्तर: एग्जिमा के दौरान त्वचा की देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाए जा सकते हैं:
i. त्वचा को नियमित रूप से मॉइस्चराइज करें
ii. हल्के और सौम्य साबुन का उपयोग करें
iii. नहाने के बाद त्वचा को धीरे-धीरे पोछें, रगड़ें नहीं
iv. तनाव कम करने के उपाय अपनाएं - प्रश्न : क्या मौसम एग्जिमा को प्रभावित करता है?
उत्तर: हां, मौसम परिवर्तन एग्जिमा को प्रभावित कर सकता है। सर्दियों में त्वचा सूखी हो सकती है, जबकि गर्मियों में पसीना और गर्मी एग्जिमा को बढ़ा सकते हैं। मॉइस्चराइज़र और ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना मददगार हो सकता है। - प्रश्न : एग्जिमा और डायबिटीज (Diabetes) में क्या संबंध है?
उत्तर: कुछ शोध बताते हैं कि एग्जिमा और डायबिटीज के बीच संबंध हो सकता है, क्योंकि दोनों ही प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े होते हैं। डायबिटीज के मरीजों में त्वचा की समस्याएं अधिक होती हैं, इसलिए उनके लिए विशेष ध्यान देना आवश्यक है। - प्रश्न : एग्जिमा के साथ जीवन जीने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?
उत्तर: एग्जिमा के साथ जीवन जीने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
i. तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन और योग करें
ii. नियमित रूप से मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें
iii. त्वचा को खुजाने से बचें
iv. एलर्जेन और ट्रिगर कारकों से दूर रहें
v. स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद लें - प्रश्न : एग्जिमा के मरीजों के लिए कौन-कौन सी चिकित्सा विधियाँ (therapies) उपलब्ध हैं?
उत्तर: एग्जिमा के मरीजों के लिए विभिन्न चिकित्सा विधियाँ उपलब्ध हैं, जैसे:
i. टॉपिकल स्टेरॉयड क्रीम और ऑइंटमेंट
ii. एंटीहिस्टामिन टेबलेट्स
iii. इम्यूनोमॉड्युलेटरी ड्रग्स
iv. फोटोटेरेपी (Phototherapy)
v. व्यवहारिक थेरेपी (Behavioral therapy) और परामर्श
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