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कमर दर्द एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें हमारी जीवनशैली, काम करने की आदतें और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं शामिल हैं। इस ब्लॉग में, हम कमर दर्द के प्रमुख कारणों और उनसे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे, ताकि आप इस परेशानी से राहत पा सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।
कमर दर्द का कारण (Causes of sciatica)
कमर दर्द एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है जो विभिन्न कारणों से हो सकती है। निम्नलिखित कारणों से कमर दर्द उत्पन्न हो सकता है:
- सर्दी लगना और फ्लू: ठंड लगने या फ्लू होने पर मांसपेशियों में खिंचाव और कमजोरी हो जाती है, जिससे कमर में दर्द हो सकता है।
- गर्भाशय ग्रीवा की पौड़ा: गर्भाशय ग्रीवा से संबंधित समस्याओं के कारण भी महिलाओं में कमर दर्द हो सकता है।
- पानी में भीगना: लंबे समय तक पानी में भीगने से शरीर की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं, जिससे कमर में दर्द उत्पन्न हो सकता है।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में काम करना: लंबे समय तक बैठने या खड़े रहने से मांसपेशियों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे कमर दर्द हो सकता है।
- ठंडी हवा में भ्रमण करना: ठंडी हवा में अधिक समय तक रहने से मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है, जो कमर दर्द का कारण बनता है।
- अधिक देर तक परिश्रम करना और टहलना: अत्यधिक शारीरिक परिश्रम या लंबे समय तक टहलने से मांसपेशियों में थकान और दर्द हो सकता है।
- महिलाओं में श्वेत प्रदर और मासिक धर्म की गड़बड़ी: महिलाओं में श्वेत प्रदर (सफेद स्राव) और मासिक धर्म संबंधी गड़बड़ी के कारण भी कमर दर्द हो सकता है।
कमर दर्द (कटिशूल) का लक्षण (Symptoms of sciatica)
यदि वात के प्रकोप से कमर में दर्द होता है तो इसे ‘कटिशूल’ कहा जाता है। इस स्थिति में रोगी को अत्यधिक कष्ट का सामना करना पड़ता है। वह न तो आसानी से खड़ा हो सकता है और न ही कमर को सीधा करके बैठ पाता है। इस रोग के दौरान निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
- हल्का बुखार: रोगी को हल्का बुखार हो सकता है।
- चलने-फिरने में कठिनाई: चलने-फिरने और हिलने-डुलने से कमर में तेज दर्द होता है।
- कमर सीधी न कर पाना: रोगी कमर को सीधा करके खड़ा या बैठ नहीं पाता।
- अत्यधिक दर्द: कई बार दर्द इतना बढ़ जाता है कि रोगी बिस्तर पकड़ लेता है और उठ-बैठ नहीं पाता।
कमर दर्द के लिए घरेलू उपाय (Home remedies for sciatica)
- बच का चूर्ण और पेठे का रस: 4 रत्ती बच का चूर्ण पेठे के रस में मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। इससे वात का कमर दर्द ठीक हो जाएगा।
- सफेद चन्दन और अर्क गुलाब: सफेद चन्दन का बुरादा 60 ग्राम और अर्क गुलाब 50 ग्राम को चार घंटे तक भिगो दें। फिर इसे आधा किलो मिश्री की चाशनी में मिलाकर दो-दो चम्मच सुबह-शाम प्रयोग करें।
- गुलाबजल और गुड़ की चाशनी: रूई के बोंडे और फूल को गुलाबजल या पानी में औटाएं। जब पानी आधा रह जाए तो गुड़ की चाशनी में मिला लें। इसमें से 6-6 ग्राम की मात्रा सुबह-शाम सेवन करें।
- नींबू के सूखे छिलके: नींबू के सूखे छिलकों को सुबह पानी में भिगो दें। शाम को चाशनी बनाकर छिलकों को पानी सहित उसमें डालकर घोटें। फिर दो चम्मच चाशनी खाकर ऊपर से गाय का दूध पी लें।
- खसखस और मिश्री का चूर्ण: 10 ग्राम खसखस और 10 ग्राम मिश्री को कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। प्रतिदिन 10 ग्राम चूर्ण गरम दूध के साथ खाएं।
- सोंठ और गोखरू का काढ़ा: 6 ग्राम सोंठ और 6 ग्राम गोखरू दोनों का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं। यह कमर दर्द में रामबाण है।
- सरसों का तेल और कपूर: 200 ग्राम सरसों का तेल और 30 ग्राम कपूर को मिलाकर एक शीशी में डालकर धूप में रख दें। थोड़ी देर बाद शीशी को अच्छी तरह हिलाकर कमर पर तेल की मालिश करें। इससे कमर दर्द ठीक हो जाएगा।
- नारियल तेल, लहसुन, और अडूसा की जड़: 50 ग्राम नारियल का तेल, दो लहसुन की कलियां और थोड़ी-सी अडूसा की जड़-तीनों को आग पर अच्छी तरह गरम करें। फिर तेल को छानकर कमर की मालिश करें।
- सोंठ और गिलोय का काढ़ा: सोंठ और गिलोय को बराबर मात्रा में मोटा-मोटा कूटकर दो कप पानी में उबालें। इसे ठंडा करके छान लें और प्रतिदिन भोजन के बाद दो चम्मच की मात्रा में सेवन करें।
- बबूल का गोंद: बबूल का गोंद पीसकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच चूर्ण पानी के साथ खाएं।
- आम की गुठली का तेल: सात-आठ आम की गुठली की गिरी को आधा किलो सरसों के तेल में पकाएं। फिर इसे छानकर इस तेल की कमर पर मालिश करें। यह उपाय कमर दर्द में राहत प्रदान करता है।
- अश्वगंधा, सौंठ और मिश्री का मिश्रण: अश्वगंधा चूर्ण के दो भाग, सौंठ के एक भाग और मिश्री के तीन भाग को मिलाकर सुबह-शाम लगभग दो चम्मच की मात्रा में सेवन करें। यह मिश्रण कमर दर्द में प्रभावी होता है।
- पीपल की छाल का काढ़ा: पीपल की छाल को पीसकर महीन चूर्ण बना लें। इसमें से दो चम्मच चूर्ण का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन सुबह-शाम उपयोग करें। यह कमर दर्द में लाभकारी होता है।
- सूखे आंवले, गुड़ और सोंठ का मिश्रण: 25 ग्राम सूखे आंवले, 50 ग्राम गुड़ और 10 ग्राम सोंठ को एक गिलास पानी में उबालें। फिर इसे छानकर दिनभर में चार बार पिएं। यह मिश्रण कमर दर्द में राहत दिलाने में सहायक होता है।
कमर दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपाय
कमर दर्द के उपचार के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा अत्यधिक प्रभावी हो सकती है। यहाँ कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार बताए जा रहे हैं:
- सोंठ, हरड़ और अजमोद का मिश्रण: 25 ग्राम सोंठ, 100 ग्राम हरड़ और 15 ग्राम अजमोद को कूट-पीसकर छान लें। इस मिश्रण का एक चम्मच चूर्ण सुबह और एक चम्मच शाम को गरम पानी के साथ सेवन करें।
- जीरा और हींग का मिश्रण: 10 ग्राम सफेद जीरा, 10 ग्राम काला जीरा, 5 ग्राम हींग, और थोड़ा-सा तीनों नमक लें। पहले सफेद जीरा और काला जीरा को घी में भूनें। फिर इन सबको मिलाकर चूर्ण बना लें। आधा चम्मच चूर्ण शहद के साथ चाटें।
- सोंठ, हरड़, अजमोद और सेंधा नमक: 25 ग्राम सोंठ, 100 ग्राम हरड़, 15 ग्राम अजमोद और 10 ग्राम सेंधा नमक को मिलाकर महीन चूर्ण बनाएं। एक चम्मच चूर्ण सुबह और एक चम्मच शाम को गरम पानी के साथ लें।
- अड़सा के पत्ते और सरसों का तेल: अड़सा के पत्ते पर जरा-सा सरसों का तेल, 2 चुटकी हल्दी और 2 चुटकी सोंठ डालकर गरम करें। इसे कमर पर बांधने से रातभर में दर्द में राहत मिलती है।
- हल्दी और कुचला का तेल: 250 ग्राम पिसी हल्दी, 50 ग्राम कुचला और 50 ग्राम पिसी कबूतर की बीट को आधा किलो तिल के तेल में पकाएं। इसमें 5 ग्राम पिसी कालीमिर्च और 100 ग्राम एरंड का तेल मिलाकर कमर की मालिश करें।
- सोंठ, कालीमिर्च, बायबिडंग और सेंधा नमक: 10-10 ग्राम सोंठ, कालीमिर्च, बायबिडंग और सेंधा नमक को मिलाकर चूर्ण बनाएं। प्रतिदिन सुबह एक चम्मच चूर्ण गरम पानी या गाय के दूध के साथ खाएं।
- काढ़ा: रासना, गिलोय, एरंड की जड़, देवदारु और सोंठ को मिलाकर दो कप पानी में काढ़ा बनाएं और इसका सेवन करें।
- सोंठ, हरड़ और गिलोय का चूर्ण: सोंठ, हरड़ और गिलोय का चूर्ण बनाकर आधा-आधा चम्मच सुबह-शाम लें।
- मुण्डी, सोंठ, कालीमिर्च, भुनी हुई हल्दी और रासना: मुण्डी, सोंठ, कालीमिर्च, भुनी हुई हल्दी और रासना को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण गरम पानी के साथ शाम को खाएं।
कमर दर्द के लिए जड़ी-बूटी उपाय
- एरंड के पत्ते और सरसों का तेल: एरंड के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर हल्का गरम करें और इसे कमर पर बांधें।
- नीम की पत्तियां और बबूल का गोंद : नीम की पत्तियां पीसकर उसमें जरा-सा बबूल का गोंद मिलाकर कमर पर लेप करें। ऊपर से पट्टी बांध लें।
- गुलदाऊदी का फूल: गुलदाऊदी का फूल पीसकर कमर पर लेप करें।
- शीशम के पत्ते, तने की छाल और फलियां: शीशम के पत्ते, तने की छाल और फलियों को पानी के साथ पीस लें। इसमें जरा-सी सोंठ और दो लौंग मिलाकर लेप बनाएं और इसे रात में सोने से पूर्व कमर पर बांधें।
कमर दर्द के लिए प्राकृतिक चिकित्सा
- सेंधा नमक से सिकाई: गरम पानी में सेंधा नमक डालें और उसमें एक कपड़ा भिगोकर कमर पर सिकाई करें। इससे कमर का दर्द कम होगा और राहत मिलेगी।
- गरम पानी की धार: कमर पर गरम पानी की धार को लगभग 2 मिनट तक छोड़ें। इससे मांसपेशियों को आराम मिलेगा और दर्द कम होगा।
- धूप में बैठें: सर्दियों के मौसम में अपनी पीठ और कमर खोलकर धूप में 10 मिनट तक बैठें। सूर्य की किरणों से मिलने वाली गर्मी से कमर का दर्द दूर होता है।
- कब्ज़ के लिए उपाय: यदि पेट में कब्ज हो, तो एनिमा लें। एनिमा के बाद केवल दूध या मौसमी का रस पिएं। इससे पेट साफ रहेगा और कब्ज की समस्या दूर होगी।
कमर दर्द के लिए होमियोपैथिक उपचार
- तेज दर्द और बेचैनी: अगर कमर में तेज दर्द, बेचैनी, और बैठने में परेशानी हो, तो रसटाक्स 30, रूटा 30, और कैल्केरिया 30 को बारी-बारी से उचित मात्रा में दें।
- आमवात का दर्द: कमर में आमवात के दर्द के लिए वायोला आडोरेटा का सेवन करें।
- संधियों का दर्द: यदि कमर की संधियों में ऐसा दर्द हो, जो सारी पीठ में फैल गया हो, तो इसके लिए लैक्टिक एसिड दें।
- पुराना कमर दर्द: पुराना कमर दर्द होने पर मेडोरिनम का उपयोग करें।
- ब्रायोनिया और रसटाक्स: कमर के दर्द में ब्रायोनिया और रसटाक्स को बारी-बारी से दें।
- वायुजनित दर्द: अधिक आयु के स्त्री-पुरुषों में वायुजनित कमर दर्द होने पर सिमिसिफ्यूगा 200 का उपयोग करें।
- कब्ज और दिल का दर्द: यदि कमर का दर्द, पेट में कब्ज की शिकायत, दिल में हिलाने वाला दर्द, और आराम करने पर भी टीस उठने जैसे लक्षण हों, तो ब्रायोनिया एल्ब 30 का सेवन करें।
- साधारण कमर दर्द: साधारण रूप से कमर के दर्द में पैसिफ्लोरा इन्कार्नेटा का उपयोग करें।
कमर दर्द मे सावधानियाँ
- बादी पदार्थों से परहेज: बादी पदार्थों का सेवन न करें।
- झुकाव से बचें: काम करते समय आगे की ओर अधिक न झुकें।
- योग और व्यायाम: शरीर को पीछे की ओर मोड़ने वाले व्यायाम जैसे भुजंगासन, शलभासन, और मयूरासन करें।
- सख्त बिस्तर पर न सोएं: सख्त बिस्तर, दरी या तख्त पर नग्न न लेटें।
- सही सोने की मुद्रा: पीठ के बल लेटते समय गर्दन और हाथ-पैर सीधे रखें।
- मौसमी सब्जियों का सेवन: गर्मियों में तरोई, टिण्डे, परवल, पालक तथा सर्दियों में आलू, मेथी, चौलाई आदि का सेवन करें।
- नियमित मालिश: प्रतिदिन सुबह-शाम नियमित रूप से पीठ और कमर की मालिश करें।
- गुनगुना दूध: सोने से पूर्व एक गिलास गुनगुने दूध में थोड़ा पिसी हुई सोंठ डालकर पिएं।
- मन को शांत रखें: मन को शांत रखें और क्रोध, लोभ, मोह, लालच, ईर्ष्या एवं द्वेष आदि से बचें।
यदि आपको कमर दर्द (कटिशूल) लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।
कमर दर्द (कटिशूल) मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :
- कमर दर्द (कटिशूल) क्या है?
कटिशूल या कमर दर्द पीठ के निचले हिस्से में होने वाला दर्द है जो आमतौर पर मांसपेशियों, हड्डियों, नसों या अन्य संरचनाओं में समस्या के कारण होता है। - कमर का दर्द के सामान्य कारण क्या हैं?
लंबा समय बैठना, भारी सामान उठाना, गलत तरीके से झुकना, चोट लगना, मोटापा, खराब पोस्चर और हड्डियों में कोई विकार। - कमर का दर्द के लक्षण क्या होते हैं?
निचली पीठ में दर्द, सख्ती या अकड़न, हिलने-डुलने में परेशानी, पैरों में दर्द का फैलना। - कमर का दर्द का निदान कैसे किया जाता है?
शारीरिक परीक्षण, रोगी का इतिहास, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और अन्य चिकित्सकीय परीक्षण। - कमर का दर्द से राहत के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं?
गर्म या ठंडे पैक का इस्तेमाल, आराम, स्ट्रेचिंग, व्यायाम, सही पोस्चर, दर्द निवारक दवाएं और फिजियोथेरेपी। - क्या योग और व्यायाम से कमर का दर्द में राहत मिल सकती है?
हां, विशेष योगासन और व्यायाम कमर दर्द में काफी राहत पहुंचा सकते हैं। यह मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाते हैं। - क्या घरेलू उपचार से कमर का दर्द को ठीक किया जा सकता है?
हां, हल्दी, अदरक, लहसुन, तेल की मालिश और हॉट पैक जैसे घरेलू उपायों से भी राहत मिल सकती है। - कमर का दर्द से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
सही पोस्चर में बैठना, नियमित व्यायाम करना, भारी वस्तुएं उठाने में सावधानी बरतना, वजन नियंत्रित रखना और सख्त गद्दे पर सोना। - कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
अगर दर्द बहुत अधिक हो, चलने-फिरने में कठिनाई हो, बुखार के साथ हो, या अगर दर्द कुछ हफ्तों में ठीक नहीं होता। - क्या कमर का दर्द का स्थायी इलाज संभव है?
हां, सही उपचार और जीवनशैली में बदलाव से कमर दर्द को स्थायी रूप से ठीक किया जा सकता है। - कमर का दर्द में आराम के लिए कौन से स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सबसे अच्छे हैं?
हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, पीरिफोर्मिस स्ट्रेच, कूल्हे और पीठ के निचले हिस्से के स्ट्रेच, और कोबरा पोज जैसी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कमर दर्द में आराम दिलाने में सहायक होती हैं। - क्या वजन उठाना कमर का दर्द का कारण बन सकता है?
हां, अगर वजन को गलत तरीके से उठाया जाए तो यह कमर दर्द का कारण बन सकता है। सही तकनीक का इस्तेमाल और उचित सावधानियां बरतना आवश्यक है। - कमर का दर्द में कौन-कौन सी दवाएं ली जा सकती हैं?
पेरासिटामोल, आईबूप्रोफेन, नैप्रोक्सन जैसी दर्द निवारक दवाएं और मसल रिलैक्सेंट्स का उपयोग डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है। - क्या कमर का दर्द में फिजियोथेरेपी फायदेमंद है?
हां, फिजियोथेरेपी में किए जाने वाले व्यायाम और तकनीकें मांसपेशियों को मजबूत बनाने और दर्द को कम करने में सहायक होती हैं। - क्या मोटापा कमर का दर्द का कारण बन सकता है?
हां, मोटापा कमर पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ता है और कमर दर्द हो सकता है। - क्या बैठने की स्थिति (पोस्चर) से कमर का दर्द पर प्रभाव पड़ता है?
हां, गलत बैठने की स्थिति से मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त तनाव पड़ता है, जिससे कमर दर्द हो सकता है। सही पोस्चर को अपनाना जरूरी है। - कमर का दर्द में कौन-कौन से सपोर्टिव उपकरण उपयोगी हो सकते हैं?
बैक सपोर्ट बेल्ट, ऑर्थोपेडिक कुशन, एर्गोनोमिक चेयर और सही आकार का गद्दा उपयोगी हो सकते हैं। - क्या कमर का दर्द में एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर सहायक हो सकते हैं?
हां, एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर से कमर दर्द में आराम मिल सकता है। ये तकनीकें शरीर में ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करती हैं और दर्द को कम करती हैं। - क्या हॉट और कोल्ड थेरेपी कमर का दर्द में असरदार है?
हां, हॉट पैक से मांसपेशियों की सख्ती कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जबकि कोल्ड पैक सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। - क्या नर्व्स के कंप्रेशन से कमर का दर्द हो सकता है?
हां, नर्व्स के कंप्रेशन से जैसे कि सायटिका, कमर दर्द और पैरों में दर्द हो सकता है। यह स्थिति आमतौर पर डिस्क हर्नियेशन के कारण होती है। - क्या कमर का दर्द का गर्भावस्था से संबंध हो सकता है?
हां, गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन, वजन में वृद्धि और पोस्चर में बदलाव के कारण कमर दर्द हो सकता है। - क्या कमर का दर्द में मसाज थेरेपी लाभदायक है?
हां, मसाज थेरेपी मांसपेशियों की तनाव और सख्ती को कम करती है, रक्त संचार को बढ़ाती है और दर्द में राहत दिलाती है। - क्या सही सोने की मुद्रा से कमर का दर्द को रोका जा सकता है?
हां, सही सोने की मुद्रा जैसे कि पीठ के बल सोना और घुटनों के नीचे तकिया रखना या एक तरफ सोते समय घुटनों के बीच तकिया रखना कमर दर्द को रोकने में मदद कर सकता है। - कमर का दर्द में कौन से आहार सहायक हो सकते हैं?
एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार जैसे कि ताजे फल, सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड, अदरक और हल्दी जैसे खाद्य पदार्थ कमर दर्द में सहायक हो सकते हैं। - क्या लंबे समय तक खड़े रहने से कमर का दर्द हो सकता है?
हां, लंबे समय तक खड़े रहने से कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ता है, जिससे दर्द हो सकता है। - क्या तनाव (स्ट्रेस) कमर का दर्द का कारण बन सकता है?
हां, मानसिक तनाव मांसपेशियों में सख्ती पैदा करता है और यह कमर दर्द का कारण बन सकता है। - क्या बच्चों में भी कमर का दर्द हो सकता है?
हां, बच्चों में भी कमर दर्द हो सकता है, खासकर अगर उनका पोस्चर गलत हो, भारी स्कूल बैग उठाने के कारण या किसी चोट के कारण। - क्या उम्र बढ़ने के साथ कमर का दर्द का जोखिम बढ़ जाता है?
हां, उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन कम होता है, डिस्क्स में डिग्रेडेशन होता है, और गठिया जैसी स्थितियां विकसित हो सकती हैं, जो कमर दर्द का जोखिम बढ़ा देती हैं। - क्या हार्मोनल बदलाव कमर का दर्द का कारण बन सकते हैं?
हां, हार्मोनल बदलाव, विशेषकर महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान, हड्डियों और मांसपेशियों पर असर डाल सकते हैं जिससे कमर दर्द हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी हार्मोनल बदलाव कमर दर्द का कारण बन सकते हैं। - क्या तैराकी कमर का दर्द के लिए लाभकारी हो सकती है?
हां, तैराकी एक लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है जो मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और दर्द को कम करती है। पानी में व्यायाम करने से जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है और यह कमर दर्द में आराम दिला सकता है।
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