मधुमेह, जिसे हिंदी में मधुमेह कहा जाता है, एक अन्यन्य स्वास्थ्य स्थिति है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। इसे स्वस्थ और पूर्ण जीवन जीने के लिए सावधानी से प्रबंधित करना चाहिए। इस ब्लॉग में, हम मधुमेह के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से जाएंगे, जैसे कि इसके प्रकार, कारण, लक्षण, समस्याएँ, और प्रबंधन उपाय।
Table of Contents
मधुमेह diabetes रोग का कारण (Causes of diabetes)
हम जो मोठी वस्तुएं खाते हैं, वह शर्करा नामक तत्त्व में बदलकर शरीर को गर्मी पहुंचाने का काम करती है। लेकिन जब कोई व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हो जाता है तो चीनी ठीक प्रकार से नहीं पचती। इसका कारण यह होता है कि अग्न्याशय उचित मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पाता। अतः चीनी तत्त्व में न बदलकर उसी दशा में मूत्र के साथ निकल जाती है।
यह रोग प्राय: 40 से 60 वर्ष के स्त्री-पुरुषों को होता है। यह उन लोगों को भी होता है जो शारीरिक परिश्रम, चिन्ता, शोक, मोह तथा लालच आदि अधिक करते हैं। जो व्यक्ति संक्रामक रोगों से घिरे रहते हैं, उनको भी मधुमेह की शिकायत हो जाती है। इसका मुख्य कारण अत्यधिक शर्करा युक्त भोजन करना होता है।
मधुमेह रोग को समझें
मधुमेह एक अपशिष्ट विकार है जिसमें लंबे समय तक उच्च रक्त शर्करा स्तर होता है। दो प्रमुख प्रकार की मधुमेह हैं, जो कि प्रकार 1 और प्रकार 2 हैं।
1. प्रकार 1 मधुमेह:
- प्रकार 1 मधुमेह, जिसे इंसुलिन-आवश्यक मधुमेह भी कहा जाता है, आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में विकसित होता है।
- इस स्थिति में, इम्यून सिस्टम पैंक्रियस में इंसुलिन उत्पादन करने वाली बीटा कोशिकाओं पर हमला करता है और नष्ट करता है, जिससे इंसुलिन का पर्याप्त उत्पादन नहीं होता है।
- प्रकार 1 मधुमेह वाले व्यक्तियों को अपने रक्त शर्करा स्तर को प्रबंधित करने के लिए जीवनभर इंसुलिन चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
2. प्रकार 2 मधुमेह:
- प्रकार 2 मधुमेह, जो अधिकतर प्रारंभिक रूप से विकसित होता है, लेकिन लाइफस्टाइल कारकों के कारण युवा व्यक्तियों में भी बढ़ता जा रहा है।
- प्रकार 2 मधुमेह में, शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी बन जाता है या पर्याप्त इंसुलिन उत्पादन नहीं करता है ताकि सामान्य रक्त शर्करा स्तर बनाए रख सके।
- प्रकार 2 मधुमेह के लिए जोखिम कारक ओबेसिटी, निष्क्रिय जीवनशैली, अशुद्ध आहार, आनुवंशिकता, और आयु हैं।
मधुमेह diabetes रोग के लक्षण (Symtoms of diabetes)
मधुमेह के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- अत्यधिक प्यास और भूख
- अक्सर पेशाब करना
- थकान
- धुंधला दिखाई देना
- धीमी घावों का उपचार
- हाथ और पैरों में सुन्नता या छलना
मधुमेह रोग के शुरू होने से पहले भूख खूब लगती है, लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर की त्वचा सूख जाती है तथा छूने पर खुरदरी-सी लगती ती है। मसूड़े फूल जाते हैं। उनसे खून निकलता है। कब्ज, प्यास अधिक लगना, अधिक पेशाब की शिकायत, पेशाब में शर्करा, शरीर में खुजलाहट, शरीर रूखा, कमजोरी तथा वजन घटना आदि इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। मधुमेह में शरीर धीरे-धीरे क्षीण हो जाता है। बीमारी बड़ने के साथ-साथ फेफड़ों में भी खराबी उत्पन्न हो जाती है।
मधुमेह रोग की समस्याएँ: (Problems in diabetes)
अप्रबंधित या ना-सही से प्रबंधित मधुमेह विभिन्न समस्याओं में बदल सकता है, जैसे कि:
- हृदय रोग
- गुर्दे का क्षति (मधुमेहिक नेफ्रोपैथी)
- नस का क्षति (मधुमेहिक न्यूरोपैथी)
- आँख की समस्याएँ (मधुमेहिक रेटिनोपैथी)
- पैर की समस्याएँ (मधुमेहिक पैर)
मधुमेह diabetes रोग के उपचार (Useful ways for controlling diabetes)
1. मधुमेह रोग का घरेलू उपाय (home remedies for diabetes)
- जामुन की गुठलियों की मींगी 5 ग्राम, जामुन के पत्ते सात-आठ तथा जरा-सा सेंधा नमक-इन तीनों की चटनी बनाकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
- करेले का रस 6 ग्राम, बेल के पत्तियों की चटनी 4 ग्राम तथा चार कालीमिर्च का चूर्ण-इन सबको चने की रोटी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
- 50 ग्राम बरगद के पेड़ की छाल को 1 लीटर पानी में पकाएं। जब पानी 200 ग्राम रह जाए तो उसे छानकर रोगी को पिलाएं। सुबह-शाम एक माह तक सेवन करने से मधुमेह का रोग खत्म हो जाता है।
- 20 ग्राम बिनौले कूटकर 600 ग्राम पानी में औटाएं। जब पानी 200 ग्राम रह जाए तो बिनौलों को छानकर निकाल दें। 10-10 ग्राम पानी एक सप्ताह तक पिएं। लाभ होने पर आगे भी प्रयोग करें।
- सुबह खाली पेट चार-पांच नीम की पत्तियां चबाकर खा जाएं।
- गाजर का रस एक कप, पालक का रस आधा कप तथा जीरा (पिसा हुआ) आधा चम्मच-तीनों को मिलाकर कुछ दिनों तक उपयोग करें।
- आधा चम्मच मेथी के दाने भूनकर पानी के साथ चबा जाएं।
- 500 ग्राम इमली के बीज आग में भूनकर रख लें। उसमें से 50 ग्राम बीजों का चूर्ण बनाकर नित्य खाएं।
- मूली का रस दो चम्मच, जोरा (भुना हुआ) आधा चम्मच तथा काला नमक 2 चुटकी-इन तीनों को मिलाकर सेवन करें।
- प्रतिदिन 4 ग्राम हल्दी को शहद में मिलाकर चाटें।
- गुलमोहर की लकड़ी या पतली डाल को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह आधा कप पानी छानकर पी जाएं।
- तुलसी के पत्ते, काला जीरा और कालीमिर्च- तीनों को बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। उसमें से 5 ग्राम चूर्ण में 1 चुटकी काला नमक मिलाकर पानी के साथ खाएं।
- अमलतास की फली के गूदे को आग पर हल्का भून लें। फिर उसे मथकर चने के बराबर गोलियां बनाएं। दो गोली नित्य रात को सोने से पहले पानी के साथ निगल लें।
- सदाबहार के आठ-दस पत्ते, कालीमिर्च तीन दाने तथा काला नमक 1 चुटकी- तीनों चीजों की चटनी पीसकर रोज खाएं।
- तेजपात का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार सेवन करें।
- बीस पत्ते अरहर तथा दस कालीमिर्च के दाने लेकर आधा किलो पानी में उबालें। जब पानी 100 ग्राम रह कच्चे केले की सब्जी नित्य खाने से डायबिटीज की बीमारी दूर होती है।
- आम की मंजरी को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह उसकी चटनी बनाकर खाएं। ऊपर से पानी पी लें।
- बबूल के गोंद का पानी नित्य सेवन करें।
2. मधुमेह की आयुर्वेदिक दवाईया (Ayurvedic medicine for diabetes)
- जामुन की गुठली 10 ग्राम, गुड़मार चूरा 20 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम तथा मेथी दाने 10 ग्राम-सबको पीसकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण रोज 3 ग्राम की मात्रा में ग्वारपाठे के आधा चम्मच रस या शहद में मिलाकर सेवन करें।
- अनार का छिलका, बायबिडंग तथा नागौरी असगंध-सब 50-50 ग्राम लेकर चूर्ण बना लें। प्रातः-सायं एक-एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी से उपयोग करें।
- त्रिफला (हरड़, बहेड़ा तथा आंवला) के चूर्ण में मेथी के दानों का चूर्ण मिला लें। फिर दो चम्मच चूर्ण गुनगुने जल से सेवन करें।
- बबूल की फलियों के खोल (बिना बीजों के छाया में सूखे हुए) 5 ग्राम, तालमखाना 2 ग्राम, बीजबंद 2
- ग्राम तथा मिश्री 5 ग्राम-सबको पीसकर छान लें। इसमें से 3 चुटकी चूर्ण नित्य सवेरे गाय के दूध के साथ लें। गिलोय, आंवला तथा गोखरू- तीनों 10-10 ग्राम कूट-पीसकर छान लें। इसमें से 6 माशा चूर्ण नित्य घी या शहद के साथ सेवन करें।
- छोटी इलायची का चूर्ण, शुद्ध शिलाजीत, शंखपुष्पी और मिश्री- सभी बराबर की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। फिर 4 माशा चूर्ण प्रतिदिन पानी के साथ लें।
- चन्द्रप्रभा वटी, योगराज गुटी तथा शतावरादि चूर्ण मधुमेह की प्रसिद्ध दवाएं हैं। इनका प्रयोग किसी वैद्य से परामर्श लेकर अथवा दवाओं के साथ दिए गए निर्देशानुसार करें।
3. मधुमेह की होमियोपैथिक दवाईया (homeopathy medicine for diabetes)
- मधुमेह की तीव्रता, बहुमूत्र, योनि तथा शिश्न में खुजली, फीके रंग का पेशाब, वेग रोकना कठिन, लगातार
- बूंद-बूंद पेशाब आना, प्यास की अधिकता, तेज प्यास आदि लक्षणों में रसप्रोमिटका दें। मधुमेह के कारण कब्ज, अग्नि मंद होना, प्यास अधिक लगना, कभी पेशाब अधिक तथा कभी कम आदि लक्षणों में नक्स वोमिका 6 दें।
- अधिक प्यास, प्रथम दिन से ही पेशाब में शुगर, मूत्र अधिक आए ऐसी हालत में पहले दिन यूरेनियम नाइट्रिकम, दूसरे दिन एसिड फॉस और तीसरे दिन ओपियम क्रम से दें।
- पेशाब में अधिक शक्कर आना, भूख-प्यास अधिक लगना आदि स्थिति में लैक्टिक एसिड निम्न शक्ति को दिन में तीन-चार बार दें।
- दिमागी परेशानी, कमजोरी, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में शुगर (फॉस्फेट), पेशाब दूध की तरह सफेद, शरीर में दर्द, बेचैनी आदि लक्षणों में फॉस्फोरिक एसिड 1 या 6 दें।
- हाथ-पांवों में जलन, पित्त का बढ़ जाना, दस्त आदि लक्षणों में सेफालेण्ड्रा इंडिका मूलार्क दें। बहुमूत्र के साथ शरीर में दर्द, बेचैनी आदि लक्षणों में लैक्टिक एसिड 3 या 30 दें।
- धुएं की तरह मटमैला पेशाब, भूरा, लाल रंग का पेशाब, मसाने में कष्ट, कभी-कभी सफेद या लाल स्राव होने पर टेरिबिन्थिना मूलार्क 30 दें।
- अधिक मात्रा में पेशाब, पेट फूले, जलन, अचानक पेशाब निकल जाए, अधिक भूख, पाकाशय में नीचे को तरफ पीड़ा तथा गैस आदि लक्षणों में यूरेनियम नाइट्रिकम 6 तथा बाद में 3 शक्ति की दवा दें। यह दवा लम्बे समय तक लेनी पड़ती है। इससे स्थायी रूप में लाभ होता है।
4 . मधुमेह का एक्यूप्रेशर उपाय (accupressure therapy for diabetes)
- दोनों पैर के तलवों के बीच तथा दोनों हाथ की पूरी हथेलियों में विभिन्न प्रेशर बिन्दुओं पर दबाव दें।
- यह दबाव 10-15 मिनट तक नित्य देना चाहिए।
- एक्यूप्रेशर इलाज करते समय इन्सुलिन लेना बंद नहीं करना चाहिए।
मधुमेह रोग से जुड़ी जरूरी बाते (Important tips for diabetes patients )-
हालाकि हमने ऊपर सभी तरह कि उपचार और दवाइयों के बारे मे बताया है लेकिन अगर आप नीचे दिए गए निर्देशों को पालन करते है तो आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे और आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेंगा –
- भोजन में घी, मक्खन, पनीर, टोस्ट, शाक-सब्जी, मांस, मछली, अण्डे, शोरबा आदि लें।
- फलों में आम, अनार, लोकाट, सेब, जामुन, नाशपाती, सन्तरा, मौसमी आदि सुपाच्य फल खाएं।
- कागजी नीबू का रस पानी में मिलाकर पीना बहुत गुणकारी है।
- नया चावल, ठंडी चीजों, गरम तथा मीठे पदार्थों, धूप में अधिक चलने-फिरने, मेहनत करने, मैदा, चीनी, गुड़, शक्कर, बैंगन, अधिक मैथुन तथा धूम्रपान आदि से बचें।
- नित्य प्रति सुबह-शाम घूमना चाहिए तथा तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए।
- मानसिक चिन्ता, क्रोध, शोक, क्षोभ आदि से दूर रहें।
यदि आपको मधुमेह diabetes रोग लंबे समय तक बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित होगा। वे सही उपचार और सलाह प्रदान कर सकते हैं।
मधुमेह रोग मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQ on diabetes disease)
यहाँ मधुमेह diabetes के बारे में कुछ आम सवाल Frequent Asked Questions(FAQs) हैं:
प्रश्न 1 : मधुमेह diabetes क्या है?
उत्तर: मधुमेह एक रोग है जो शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी के कारण खून में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा देता है।
प्रश्न 2 : मधुमेह diabetes के कारण क्या होते हैं?
उत्तर: मधुमेह के कारण शामिल हो सकते हैं जीनेटिक प्रभाव, अपोषण, विशेष रूप से शरीर की अनियमितता, और जीवनशैली के कारक।
प्रश्न 3 : मधुमेह diabetes के लक्षण क्या होते हैं?
उत्तर: मधुमेह के लक्षण में शामिल हो सकते हैं भूख लगने की बढ़ती है, प्यास अधिक होना, तेजी से वजन घटना, थकान, बार-बार मूत्र आना, आदि।
प्रश्न 4 : मधुमेह diabetes के विभिन्न प्रकार क्या होते हैं?
उत्तर: मधुमेह के मुख्य प्रकार होते हैं प्राथमिक मधुमेह (Type 1) और द्वितीय मधुमेह (Type 2)।
प्रश्न 5 : मधुमेह diabetes का निदान कैसे किया जाता है?
उत्तर: मधुमेह का निदान रक्त ग्लूकोज परीक्षण और हार्मोन परीक्षण जैसे टेस्टों द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 6 : मधुमेह diabetes का इलाज क्या होता है?
उत्तर: मधुमेह का इलाज दवाओं, आहार और व्यायाम के माध्यम से किया जाता है, और कई मामलों में इंसुलिन इंजेक्शनों की भी आवश्यकता होती है।
प्रश्न 7 : मधुमेह diabetes में अच्छी डाइट क्या होती है?
उत्तर: मधुमेह में अच्छी डाइट में कम ग्लूकोज और कार्बोहाइड्रेट, अधिक प्रोटीन, और सेहतमंद तेल होता है।
प्रश्न 8 : मधुमेह diabetes में व्यायाम का क्या महत्व है?
उत्तर: व्यायाम मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
प्रश्न 9 : मधुमेह diabetes के लिए क्या स्वस्थ जीवनशैली होनी चाहिए?
उत्तर: स्वस्थ जीवनशैली में संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, ध्यान, नियमित रूप से इलाज का पालन और तनाव मुक्त जीवन शामिल होता है।
प्रश्न 10 : मधुमेह diabetes से बचाव के लिए क्या सावधानियाँ हैं?
उत्तर: मधुमेह से बचाव के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव को कम करना, डॉक्टर की सलाह का पालन करना, और नियमित चेकअप करवाना आवश्यक होता है ।
ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर विज़िट कर सकते है । पोस्ट कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताये आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे
यह भ पढे –
-
जानिए स्मरण शक्ति कैसे बढ़ाये साथ ही 20 घरेलू उपाय
-
जानिए माइग्रेन क्या है और क्यों होता है ? साथ ही 20 घरेलू उपाय
-
जानिए जी मिचलाना और घबराहट होना के लक्षण और 15 घरेलू उपाय
-
जानिए ‘ बार-बार हिचकी आना ‘ के कारण और 20 बेहतरीन घरेलू उपाय
-
जानिए नींद न आना(अनिद्रा) के कारण ,लक्षण और 10 घरेलू उपाय
-
बेहोशी दूर करने के 18 घरेलू उपाय
-
जानिए सिर दर्द के बेहतरीन 21 घरेलू उपाय (Home remedies for headache)
-
संग्रहणी रोग IBS(Irritable Bowel Syndrome) : लक्षण, उपचार और 20 घरेलू निदान
-
चक्कर आना – कारण ,लक्षण और 17 घरेलू उपाय
-
लिवर में फोड़ा (liver abscess) रोग क्या है ? – लक्षण ,कारण और 15 घरेलू उपाय
-
कमर दर्द (कटिशूल): कारण, लक्षण और उपचार के 10 सरल उपाय
-
पीलिया रोग jaundice: कारण, लक्षण, इलाज और 5 प्राकृतिक उपाय