माइग्रेन एक आम लेकिन गंभीर समस्या है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह केवल साधारण सिरदर्द नहीं है, बल्कि एक जटिल स्थिति है जो जीवन की गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। आइए जानें, माइग्रेन क्या है और यह क्यों होता है।
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माइग्रेन क्या है और क्यों होता है ? (what is migraine and why migraine happen)
“माइग्रेन क्या है और क्यों होता है? यह प्रश्न अक्सर उन लोगों के मन में उठता है जो इस तीव्र सिरदर्द से पीड़ित होते हैं। माइग्रेन एक सामान्य लेकिन जटिल समस्या है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम माइग्रेन के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।”
आधासीसी का दर्द (सूर्यावर्त) प्रायः एक निश्चित समय में होता है। प्रातःकाल सूर्य निकलने से लेकर सूर्य छिपने तक यह दर्द बना रहता है। यह अत्यधिक मानसिक परिश्रम, पेशाब के रोग, वायु बढ़ने, धातु दोष आदि के कारण होता है। माइग्रेन का दर्द पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों को अधिक होता है। स्त्रियों में यह बीमारी मासिक धर्म की गड़बड़ी, प्रसव के बाद के कष्ट तथा दिमागी परेशानी के कारण होती है। जो लोग हर समय बैठे रहते हैं या गंदगी में रहकर जीवन बिताते हैं, उनको भी इस रोग का दौरा पड़ना शुरू हो जाता है।
माइग्रेन के लक्षण(symptoms of migraine)
आधासीसी के रोग में मुंह तथा सिर के आधे (दाएं या बाएं) भाग में सूर्य के निकलते ही तेज दर्द शुरू हो जाता है। कई बार दर्द इतना तेज होता है कि रोगी को बेचैन कर देता है। दर्द के कारण उसे खाना-पीना, उठना-बैठना कुछ भी अच्छा नहीं लगता। इस दशा में रोगी दिन-प्रतिदिन कमजोर होता चला जाता है। कपाल में तेज दर्द, जाड़ा लगना, बार-बार जम्भाई तथा उल्टी आदि होने के प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं।
माइग्रेन के घरेलू उपाय (home remedies for migraine)
- ठंडे पानी में भिगोकर निचोड़ा हुआ अंगोछा सिर पर रखें: यह उपाय सिर दर्द को कम करने में मदद करता है।
- आंखों पर प्रकाश न पड़ने दें: सिर दर्द के दौरान आंखों पर सीधे प्रकाश से बचना चाहिए।
- उचित निद्रा, व्यायाम और विश्राम करें: ये शरीर को स्वस्थ रखने और सिर दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
- शरीर में तेल मालिश करके स्नान करें: इससे शरीर को आराम मिलता है और सिर दर्द धीरे-धीरे कम हो जाता है।
- नारियल की सूखी गिरी और मिश्री का सेवन: 25 ग्राम नारियल की सूखी गिरी और 25 ग्राम मिश्री का सेवन सूर्योदय से पहले करें।
- अकरकरा की लकड़ी चबाएं: अकरकरा की लकड़ी को बारी-बारी से दांतों से चबाकर उसका रस चूसें। इससे दर्द में राहत मिलेगी।
- तंबाकू और लौंग का पेस्ट: तंबाकू के पत्ते और लौंग को पानी में पीसकर गरम करें और मस्तक पर लगाएं।
- काले तिल और बायबिडंग का पेस्ट: 3-4 ग्राम काले तिल और 2 ग्राम बायबिडंग को पानी में पीसकर माथे पर चंदन की तरह लगाएं।
- लौंग, हींग और लहसुन का तेल: लौंग, हींग और लहसुन को सूखा पीसकर तिल के तेल में पकाएं। ठंडा करके तेल को छान लें और शीशी में भरकर रखें। प्रतिदिन सुबह-शाम 2-2 बूंद तेल नाक और कानों में डालें।
- कालीमिर्च का लेप: कालीमिर्च को पीसकर माथे पर लगाएं।
- नींबू का रस: दर्द वाली दिशा के कान में कागजी नींबू का रस टपकाएं।
- गाय का ताजा घी: गाय का ताजा घी 2-2 बूंद नाक के दोनों नथुनों में डालें।
- नौसादर और अदरक का रस: एक चुटकी नौसादर और आधा चम्मच अदरक का रस शहद में मिलाकर चाटें। यह मिश्रण सिरदर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।
- जलेबी का रस: सूर्योदय से पहले जलेबी का रस पीने से भी माइग्रेन में लाभ होता है।
- शहद का उपयोग: जिस हिस्से में सिर दर्द हो, उसके दूसरी तरफ नाक के नथुने में शुद्ध शहद की 2-3 बूंदें टपकाएं। इससे सिरदर्द में राहत मिल सकती है।
- बड़ी इलायची: बड़ी इलायची का छिलका पानी में पीसकर चंदन की तरह माथे पर लगाएं। यह उपाय भी सिरदर्द में लाभकारी हो सकता है।
- रीठा और सिरस के बीज: रीठे को पानी में पीसकर 1-1 बूंद नाक में टपकाएं। सिरस के बीज पीसकर बार-बार सूंघने से आधासीसी का दर्द कम हो सकता है।
- तम्बाकू के हरे पत्ते: तम्बाकू के हरे पत्ते का रस निचोड़कर दर्द वाले भाग के दूसरी और की आंख में धीरे-धीरे सलाई से सुरमे की तरह लगाएं। यह उपाय सिरदर्द में राहत दे सकता है।
- अंगूर का रस: सूर्योदय से पहले आधा कप अंगूर का रस पिएं। यह माइग्रेन के दर्द को कम करने में सहायक हो सकता है।
- चौलाई और जटामांसी का रस: चौलाई और जटामांसी के दो-दो चम्मच रस में गाय का घी और दूध मिलाकर उबालें। जब रस और दूध जल जाए और केवल घी रह जाए, तो इसकी 3-4 बूंदें नाक के नथुनों में टपकाएं। यह उपाय भी माइग्रेन में राहत पहुंचा सकता है।
माइग्रेन की आयुर्वेदिक दवाईया (ayurvedic medicine for migraine)
- तरबूज के बीज और मसाले: तरबूज के छिले हुए बीज, कालीमिर्च, सौंफ, लौंग तथा बायबिडंग को समान मात्रा में लेकर पानी में पीस लें। इसके पश्चात् इसे दूध में घोलकर पी जाएं।
- फिटकरी और सोना गेरू: फिटकरी का भस्म और सोना गेरू, दोनों का 1-1 चुटकी चूर्ण दूध में मिलाकर सेवन करें।
- आंवला, हरड़, बहेड़ा काढ़ा: आंवला, हरड़, बहेड़ा की छाल, धनिया तथा बायबिडंग को समान मात्रा में लेकर दो कप पानी में औटाकर काढ़ा बनाएं। जब काढ़ा 1/4 भाग रह जाए, तो उसमें थोड़ा सा गुड़ डालकर सेवन करें।
- पीपल और मिश्री: पीपल के पंचांग का सत्व और मिश्री की चाशनी को मिलाकर 3 ग्राम की मात्रा में चटनी की तरह चाटें। इसके बाद दूध पी जाएं।
- सोंठ, कपूर और आक: 5 ग्राम सोंठ, 1 चुटकी कपूर और आक की 5 बूंदें पानी में भिगो दें। फिर इसे सूंघें। छींके आने पर आधासीसी का दर्द रुक जाएगा। बबूल का गोंद, कालीमिर्च और तुलसी की पत्तियों को पानी में पीसकर माथे पर लेप करें।
- मालकांगनी का तेल: मालकांगनी का तेल, कपूर, सरसों का तेल और बादाम का तेल उचित मात्रा में लेकर मिला लें। इस तेल से सिर की मालिश करें और मस्तक पर लगाएं।
- त्रिफला, हल्दी और नीबू: त्रिफला, हल्दी और नीबू की छाल को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाएं और कुछ दिनों तक पिएं।
- धनिया और आंवला: सूखा धनिया, बेलपत्र और आंवले का चूर्ण को गुलाबजल में पीसकर माथे पर लगाएं।
माइग्रेन की होमीओपैथी दवाईया (homeopathy medicine for migraine)
- पुराना आधासीसी का दर्द: बाईं ओर का पुराना आधासीसी का दर्द जो सूर्योदय के साथ शुरू होता है, उसके लिए बेलाडोना 3 और अर्निका 3 बारी-बारी से दें।
- सिर का दर्द और ठंडापन: सिर में कभी बाईं तरफ तो कभी दाईं तरफ भयंकर दर्द और ठंडापन महसूस हो तो वेरेट्रम एल्ब का सेवन करें।
- अनिद्रा और मानसिक दबाव: अनिद्रा, मानसिक दबाव और चिंताओं के कारण होने वाले आधासीसी के दर्द में सिमिसिफ्यूगा रेसिमोसा या एक्टिया रेसिमोसा 3 दें।
- मानसिक श्रम के बाद का दर्द: मानसिक श्रम करने वालों के सिर में सूर्योदय के बाद दर्द शुरू हो तो अर्जेन्टम नाइट्रिकम दें। आधे सिर में दर्द, झटके लगते हों और स्वभाव चिड़चिड़ा हो तो सीपिया दें।
- सूर्य छिपने पर कम होने वाला दर्द: आधे सिर में तेज दर्द जो सूर्य छिपने पर कम हो जाए, ऐसी हालत में कैनाबिस इंडिका दें।
- गर्दन और भुजा तक बढ़ने वाला दर्द: आधे सिर का दर्द जो गर्दन और भुजा तक बढ़ जाता हो और लपकन पड़ती हो, ऐसी हालत में एल्यूमेन और ब्रायोनिया पर्याय क्रम से दें।
- सिर का सामान्य दर्द: पूरे सिर में दर्द हो या आधे सिर में, इसके लिए बेलाडोना 3 और स्पाइजेलिया 200 दें।
माइग्रेन के लिए सावधानियाँ (Precautions for migraine)
- तनाव से बचें: अत्यधिक तनाव माइग्रेन को बढ़ा सकता है। योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को कम करने की कोशिश करें।
- नींद का ध्यान रखें: पर्याप्त और नियमित नींद लें। बहुत कम या बहुत अधिक नींद दोनों ही माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।
- खान-पान में सावधानी: नियमित रूप से और संतुलित भोजन करें। कैफीन, चॉकलेट, चीज़, और शराब जैसी चीजों से बचें, क्योंकि ये माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती हैं।
- हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। डिहाइड्रेशन माइग्रेन का एक सामान्य कारण हो सकता है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम करें, लेकिन बहुत अधिक या अचानक व्यायाम से बचें, क्योंकि यह माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।
- प्रकाश और शोर से बचें: तेज रोशनी और शोर माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। शांत और अंधेरे स्थानों में आराम करें।
- दवाइयों का नियमित सेवन: अगर डॉक्टर ने कोई दवाई दी है तो उसे नियमित रूप से लें। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवाई का सेवन न करें।
- डायरी रखें: माइग्रेन ट्रिगर्स की पहचान करने के लिए एक डायरी रखें। इसमें ध्यान दें कि किस प्रकार के भोजन, गतिविधि या तनाव के बाद आपको माइग्रेन होता है।
- अल्कोहल और धूम्रपान से बचें: अल्कोहल और धूम्रपान माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। इन्हें सीमित करें या पूरी तरह से बंद करें।
- सप्लीमेंट्स और विटामिन्स: डॉक्टर की सलाह से मैग्नीशियम, विटामिन बी2 और कोएंजाइम Q10 जैसे सप्लीमेंट्स ले सकते हैं, जो माइग्रेन के हमलों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
माइग्रेन क्या है और क्यों होता है में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- माइग्रेन क्या है और क्यों होता है ?
माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है, जो आमतौर पर सिर के एक तरफ होता है। इसके साथ मतली, उल्टी, और प्रकाश या शोर के प्रति संवेदनशीलता हो सकती है। माइग्रेन मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन, तंत्रिका तंत्र की समस्याओं, और आनुवंशिक कारकों के कारण होता है। - माइग्रेन के कारण क्या होते हैं?
माइग्रेन के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन, तंत्रिका तंत्र की समस्याओं, और आनुवांशिकता के कारण हो सकता है। कुछ ट्रिगर्स जैसे तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, भोजन, और पर्यावरणीय कारक भी माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। - माइग्रेन के लक्षण क्या होते हैं?
माइग्रेन के लक्षणों में तीव्र सिरदर्द, मतली, उल्टी, प्रकाश और शोर के प्रति संवेदनशीलता, दृष्टि समस्याएं, और चक्कर आना शामिल हो सकते हैं। - माइग्रेन का निदान कैसे किया जाता है?
माइग्रेन का निदान सामान्यतः चिकित्सा इतिहास और लक्षणों के आधार पर किया जाता है। डॉक्टर अन्य सिरदर्द स्थितियों को बाहर करने के लिए न्यूरोलॉजिकल परीक्षण या इमेजिंग टेस्ट भी कर सकते हैं। - माइग्रेन का इलाज कैसे किया जाता है?
माइग्रेन का इलाज दवाइयों, जीवनशैली में बदलाव, और घरेलू उपायों के माध्यम से किया जा सकता है। इसमें दर्द निवारक दवाएं, माइग्रेन रोधी दवाएं, और तनाव प्रबंधन तकनीकें शामिल हैं। - माइग्रेन के लिए कौन-कौन से घरेलू उपाय उपयोगी हो सकते हैं?
घरेलू उपायों में आराम करना, अंधेरे और शांत स्थान में रहना, ठंडे या गर्म पैक का उपयोग, अदरक का सेवन, और कैफीन का सीमित उपयोग शामिल हो सकते हैं। - क्या माइग्रेन को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है?
माइग्रेन का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन उचित प्रबंधन और सावधानियों के साथ इसके हमलों की आवृत्ति और तीव्रता को कम किया जा सकता है। - क्या माइग्रेन आनुवंशिक होता है?
हाँ, माइग्रेन आनुवंशिक हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो आपको भी इसके होने की संभावना अधिक हो सकती है। - माइग्रेन को रोकने के लिए कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
माइग्रेन को रोकने के लिए तनाव को कम करें, नियमित नींद लें, संतुलित आहार खाएं, पर्याप्त पानी पीएं, और नियमित व्यायाम करें। माइग्रेन ट्रिगर्स से बचने का प्रयास करें। - क्या माइग्रेन खतरनाक हो सकता है?
माइग्रेन आमतौर पर खतरनाक नहीं होता, लेकिन यह जीवन की गुणवत्ता को गंभीरता से प्रभावित कर सकता है। यदि आपको अत्यधिक तीव्र या असामान्य लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। - क्या बच्चों में भी माइग्रेन हो सकता है?
हाँ, बच्चों में भी माइग्रेन हो सकता है। बच्चों में माइग्रेन के लक्षण वयस्कों की तुलना में अलग हो सकते हैं, जैसे पेट दर्द, उल्टी, चक्कर आना और चिड़चिड़ापन। - क्या हार्मोनल परिवर्तन माइग्रेन को प्रभावित करते हैं?
हाँ, हार्मोनल परिवर्तन, खासकर महिलाओं में, माइग्रेन को प्रभावित कर सकते हैं। मासिक धर्म, गर्भावस्था, और रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोनल बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। - क्या कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं?
हाँ, कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। इनमे चॉकलेट, चीज़, कैफीन, शराब, और प्रोसेस्ड फूड्स शामिल हैं। खाद्य डायरी रखने से आप अपने ट्रिगर्स को पहचान सकते हैं। - क्या माइग्रेन के दौरान व्यायाम करना सुरक्षित है?
माइग्रेन के दौरान भारी व्यायाम करना अनुचित हो सकता है क्योंकि यह दर्द को बढ़ा सकता है। हल्की गतिविधियाँ जैसे योग या स्ट्रेचिंग फायदेमंद हो सकती हैं। - क्या माइग्रेन के उपचार में पूरक चिकित्सा उपयोगी हो सकती है?
कुछ पूरक चिकित्सा जैसे एक्यूपंक्चर, बायोफीडबैक, और हर्बल सप्लीमेंट्स (जैसे बटरबुर और फिवरफ्यू) माइग्रेन के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। हालांकि, इनका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। - क्या माइग्रेन के लिए कोई विशेष आहार है?
माइग्रेन के लिए कोई विशेष आहार नहीं है, लेकिन ट्रिगर फूड्स से बचना और संतुलित आहार का सेवन महत्वपूर्ण है। नियमित भोजन करना और हाइड्रेटेड रहना भी मदद कर सकता है। - माइग्रेन अटैक के दौरान क्या किया जाना चाहिए?
माइग्रेन अटैक के दौरान एक शांत, अंधेरे कमरे में आराम करें। ठंडे या गर्म पैक का उपयोग करें, और डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयां लें। हाइड्रेटेड रहें और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचें। - क्या माइग्रेन से जुड़े कोई दीर्घकालिक प्रभाव होते हैं?
माइग्रेन से दीर्घकालिक न्यूरोलॉजिकल क्षति नहीं होती, लेकिन लगातार माइग्रेन अटैक जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। सही प्रबंधन और उपचार से दीर्घकालिक प्रभाव को कम किया जा सकता है। - क्या माइग्रेन का ट्रिगर मौसम हो सकता है?
हाँ, मौसम में बदलाव, जैसे उच्च आर्द्रता, अत्यधिक गर्मी या ठंड, और बारोमेट्रिक प्रेशर में बदलाव माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। - क्या माइग्रेन से जुड़ी कोई जागरूकता या सहायता समूह हैं?
हाँ, माइग्रेन से जुड़ी कई जागरूकता और सहायता समूह हैं जहाँ आप अनुभव साझा कर सकते हैं और समर्थन पा सकते हैं। ये समूह आपको नई रणनीतियों और संसाधनों के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं।
ऐसी ही जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाईट पर विज़िट कर सकते है । “जानिए माइग्रेन क्या है और क्यों होता है साथ ही 20 घरेलू उपाय” पोस्ट कैसी लगी कमेन्ट करके जरूर बताये आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे
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